
जिले के तेंदूखेड़ा में सोमवार दोपहर किसानों ने मंडी परिसर में खाद से भरे ट्रक को लूटने का प्रयास किया। मौके पर मौजूद पुलिस ने किसानों को खदेड़कर स्थिति को नियंत्रित किया।
स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी मौके पर मौजूद रहे और लाइन लगाकर किसानों को दो-दो बोरी खाद का वितरण किया गया।
तेंदूखेड़ा और जबेरा में 7 अगस्त से खाद वितरण शुरू हुआ
दमोह में बीते सप्ताह तेंदूखेड़ा और जबेरा में खाद को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन के बाद गुरुवार 7 अगस्त से खाद का वितरण शुरू हुआ है। प्रत्येक किसान को एक बही पर दो बोरी खाद दी जा रही है। इसके लिए उन्हें एक टोकन दिया जा रहा है।
खाद से भरा ट्रक देखते ही दौड़ पड़े किसान
सबसे अधिक खाद की मांग तेंदूखेड़ा क्षेत्र से थी। यहां जिले में सबसे अधिक क्षेत्र में हाई ब्रीड मक्का की बुवाई की गई है। आज जैसे ही खाद से भरा ट्रक मंडी परिसर में गोदाम के पास पहुंचा, हजारों की संख्या में मौजूद किसान बेकाबू हो गए। उन्होंने ट्रक से ही खाद निकालने का प्रयास किया। लेकिन वहां मौजूद पुलिस ने किसानों को खदेड़ दिया।
एसडीएम ने खाद वितरण केंद्र पर देखी व्यवस्थाएं
आज तेंदूखेड़ा एसडीएम गंधर्व और जलपरियां मनीष बागड़ी व्यवस्थाएं संभालने पहुंचे। किसानों का आरोप था कि उनके पास टोकन है लेकिन उन्हें खाद नहीं मिल रही है। वे चिंतित थे कि उनकी फसलें खराब हो जाएंगी। प्रशासनिक अधिकारियों ने सभी किसानों को भरोसा दिलाया और खाद वितरण का काम शुरू करवाया।
अधिकारी बोले- खाद पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है
तेंदूखेड़ा खाद वितरण अधिकारी इंद्रपाल सिंह राजपूत ने बताया कि पर्याप्त मात्रा में खाद का स्टॉक है। उन्होंने कहा कि किसान बेकाबू हो रहे हैं, जबकि उन्हें बताया गया है कि सभी को पर्याप्त मात्रा में खाद मिलेगी। कुछ देर के लिए स्थिति बिगड़ी थी लेकिन अब सब कुछ नियंत्रित है और खाद वितरण का काम जारी है।
कलेक्टर ने कहा- डिमांड तेंदूखेड़ा क्षेत्र खाद की मांग अधिक
कलेक्टर सुधीर कोचर ने बताया कि हाई ब्रीड मक्का में तीन बार खाद देनी पड़ती है। तभी फसल बेहतर होती है और इसीलिए खाद की मांग अधिक है। वैसे तो पूरे जिले में खाद का वितरण किया जा रहा है, लेकिन सबसे अधिक डिमांड तेंदूखेड़ा क्षेत्र में है।
बीते साल दमोह जिले में 17000 हेक्टेयर में हाई ब्रीड मक्का की बोबनी की गई थी और इस साल 35000 हेक्टेयर में मक्का की बोबनी की गई है। इसलिए खाद की डिमांड बड़ी है।
सरकारी जमीन पर खेती करने से खाद की डिमांड बढ़ी
दूसरा कारण कलेक्टर कोचर ने यह बताया कि तेंदूखेड़ा क्षेत्र में सालों से कई लोग सरकारी जमीन पर कब्जा कर वहां पर खेती कर रहे हैं।
सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार जितनी खाद की आवश्यकता होती है, उस डिमांड के आधार पर खाद उपलब्ध थी, लेकिन अतिक्रमण कर की गई खेती वाली जमीन के लिए भी किसानों को खाद चाहिए थी और इसलिए खाद की डिमांड बढ़ गई।
