
रीवा जिले में गौवंश की दुर्दशा बढ़ती जा रही है। गौशालाओं में अव्यवस्था और कम क्षमता के कारण गायें सड़क पर बैठी रहती हैं। इससे वाहन दुर्घटनाओं के मामले बढ़ रहे हैं। ग्रामीणों ने इसके चलते चिंता जताई है।
महिला कांग्रेस की प्रदेश उपाध्यक्ष कविता पांडेय ने बताया कि सड़क पर गौवंश के जमावड़े के कारण आवागमन में भी परेशानी होती है। रात के समय दोपहिया वाहन चालक अक्सर गायों से टकराकर दुर्घटनाओं के शिकार हो जाते हैं। शनिवार को गुढ़ के रेडियो स्टेशन के पास एक वाहन चालक गर्भवती गाय को टक्कर मार गया, जिससे गाय को गंभीर चोटें आईं।
गौशालाओं में अव्यवस्था और खाली पड़े परिसर
कविता पांडेय ने कहा कि जिले भर की कई गौशालाएं व्यापक इंतजाम ना होने के कारण खाली पड़ी हैं। सरकार ने इन पर करोड़ों रुपए खर्च किए थे, लेकिन गौशालाएं खंडहर जैसी हो गई हैं और केवल कागजों तक सीमित रह गई हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि जिन गौशालाओं में काम नहीं हो रहा, उनके नाम पर आने वाला हर महीने का अनुदान किसके खाते में जा रहा है।
फंड का सही इस्तेमाल नहीं, चारागाह खत्म
ग्रामीणों ने बताया कि कागजों पर सैकड़ों गौशालाएं संचालित हो रही हैं और गायों के नाम पर करोड़ों का फंड निकाला जा रहा है। लेकिन चारागाह की जमीन पहले ही खत्म हो चुकी है और गायें अब सड़कों पर भटक रही हैं।
व्यवस्थाएं बेहतर बनाने पर फोकस किया जा रहा
जिला पंचायत सीईओ मेहताब सिंह गुर्जर ने कहा कि गायों की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। उन्होंने बताया कि गौशालाओं की स्थिति सुधारने और उन्हें बेहतर बनाने पर फोकस किया जा रहा है।