
भोपाल के गोविंदपुरा में लघु उद्योग भारती के प्रदेश कार्यालय के उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उद्योग और रोजगार को लेकर बड़े ऐलान किए। सीएम ने कहा कि उद्योगों में काम करने वाली ‘लाड़ली बहनों’ को सरकार 5 हजार रुपए अतिरिक्त देगी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की समृद्धि केवल इंदौर-भोपाल तक सीमित नहीं रहेगी, छोटे जिलों में भी उद्योग बढ़ाए जाएंगे। सीएम ने मॉर्टगेज ड्यूटी, फायर एनओसी और मल्टी-स्टोरी इंडस्ट्रियल प्लांट जैसी समस्याओं के समाधान की भी घोषणा की। कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर कार्यवाह कृष्णगोपाल, मंत्री विश्वास सारंग, चैतन्य कश्यप, कृष्णा गौर और लघु उद्योग भारती के पदाधिकारी और उद्यमी मौजूद थें।
उद्योगों में काम करेगी तो सरकार 5 हजार देगी
सीएम ने कहा, ‘अभी तक लाड़ली बहना योजना में महिलाओं को घर बैठे 1500 रुपए दिए जा रहे हैं। लेकिन हमने तय किया है कि केवल यही पर्याप्त नहीं है। यदि लाड़ली बहना उद्योगों में काम करेगी तो उसे 1500 या 3000 रुपए नहीं, बल्कि 5000 रुपए प्रतिमाह सरकार की ओर से दिए जाएंगे। ताकि वे रोजगार से जुड़कर आत्मनिर्भर बनें।’
रोजगारपरक इकाइयों में बहनों को मिलेगा काम
सीएम ने कहा कि उद्योगों में काम करने वाली महिलाओं को सरकार 5 हजार रुपए देगी। अगर उद्योगपति 8 हजार रुपए देंगे, तो महिला श्रमिक को कुल 12 से 13 हजार रुपए मिलेंगे। इससे उन्हें रोजगार के साथ जीवन की परेशानियों से भी राहत मिलेगी।
उन्होंने बताया कि रोजगार आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए एमओयू किए जा रहे हैं। 10 से 20 करोड़ रुपए की छोटी इकाइयां लगाई जा सकती हैं, जिनमें 100 से लेकर 7 हजार तक लोगों को काम मिलेगा।
सीएम ने कहा कि निमाड़ क्षेत्र में कपड़े बनाने और निर्यात करने वाले उद्योग स्थापित होंगे। यदि कोई उद्योग राज्य के लोगों को रोजगार देगा तो वहां काम करने वाली प्रत्येक महिला श्रमिक को सरकार की ओर से 5 हजार रुपए अतिरिक्त सहायता दी जाएगी।
घटना हो तो उद्योगपति पर दबाव में केस दर्ज हो जाते हैं
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने एक पुराने अनुभव का जिक्र करते हुए कहा, “जब मैं शिक्षा मंत्री था, तब गुना के पास चीता प्रोजेक्ट का प्रधानमंत्री जी का बड़ा कार्यक्रम था, जिसमें मुझे भी बुलाया गया था। उसी दौरान जानकारी मिली कि नागझिरी की एक इंडस्ट्री में आग लग गई है, जिसमें कुछ श्रमिकों की मौत हो गई। उस समय मेरे सामने चुनौती थी कि प्रधानमंत्री जी के कार्यक्रम में जाऊं या अपनी विधानसभा में जहां दुखद घटना हुई थी।”
सीएम ने बताया कि उन्होंने तत्काल निर्णय लिया और नेतृत्व को सूचित किया कि वे कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाएंगे। उन्होंने कहा, “अक्सर ऐसी घटनाओं में दबाव बनाकर उद्योगपति पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर दिया जाता है। हमने कोशिश की कि इसे दुर्घटना की तरह देखा जाए, न कि हत्या का मामला बनाया जाए। इसमें किसी के मन में कोई गलत भावना नहीं होनी चाहिए।”
हमारी सरकार ने ढाई महीने का समय उद्योगों को दिया
मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारी सरकार बने हुए करीब 19–20 महीने हो गए हैं। इनमें से 3–4 महीने लोकसभा चुनाव में चले गए, तो हमारे पास लगभग 12–14 महीने का समय बचा। इनमें से भी करीब ढाई महीने का समय हमने विशेष रूप से उद्योगों को ही दिया है।”
उन्होंने बताया कि एमएसएमई, लघु एवं कुटीर उद्योग और हैवी इंडस्ट्री- सभी क्षेत्रों पर फोकस करते हुए देश और विदेश में लगातार काम किया गया है। सीएम ने कहा, “आत्मनिर्भर भारत और प्रदेश की दिशा में हम इसी काम को आधार बनाकर आगे बढ़ रहे हैं। स्वावलंबी कृषि और उद्योगों के जरिए आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाए जा रहे हैं।”
एक-दो जिलों को समृद्ध करने से काम नहीं चलेगा : सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मध्यप्रदेश में समृद्धि का मतलब केवल एक-दो जिलों तक सीमित नहीं होना चाहिए। पूरे प्रदेश को आगे बढ़ाना होगा। अगर इंदौर और भोपाल समृद्ध हो सकते हैं, तो नर्मदापुरम और शहडोल जैसे छोटे शहर भी क्यों नहीं? इसी सोच के तहत पिछले साल हमने हर संभाग में इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित कर देश-विदेश के निवेशकों को आमंत्रित किया।’
1956 में बनी राजधानी, लेकिन जीआईएस पहली बार भोपाल में हुई
सीएम ने कहा, “यह आश्चर्य की बात है कि भोपाल 1956 में राजधानी बना, लेकिन ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट (GIS) पहली बार अब यहां आयोजित हुई। प्रधानमंत्री जी ने भी इसका आशीर्वाद दिया। हमें हर नगर पर ध्यान देना चाहिए। उदाहरण के लिए, अगर खनन (माइनिंग) में कटनी की पहचान है, तो देशभर के माइनिंग सेक्टर के लोगों को कटनी आना चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा, “हमारी हिम्मत तब और बढ़ी जब ग्वालियर और जबलपुर में पहली बार इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित किया गया। ग्वालियर की ऐतिहासिक पहचान पहले से थी, लेकिन जब बड़े उद्योगपति यहां आए तो उन्होंने कहा कि वे पहली बार ग्वालियर देख रहे हैं। उस समय हमें लगा कि अगर वे यहां उद्योग लगाने की इच्छा जता रहे हैं, तो हमें उनकी समस्याओं पर और गंभीरता से ध्यान देना होगा।”
सरकार ने सबकी परेशानियों का समाधान किया
मॉर्गेज पर डबल ड्यूटी खत्म
मुख्यमंत्री ने बताया कि पहले किसान बैंक से लोन लेते समय ज़मीन को मॉर्टगेज कराते थे। लोन चुकाने के बाद भी मॉर्टगेज खत्म नहीं होता था और नया काम करने पर दोबारा ड्यूटी देनी पड़ती थी। सरकार ने यह समस्या हल कर दी है। अब जैसे ही किसान लोन चुका देगा, मॉर्टगेज स्वतः समाप्त हो जाएगा। सीएम ने कहा कि अगली बार इस सुविधा को एमएसएमई उद्यमियों तक भी बढ़ाया जाएगा।
मल्टी-स्टोरी इंडस्ट्रियल प्लांट्स पर काम शुरू
सीएम ने कहा कि अचारपुरा और मंडीदीप में मल्टी-स्टोरी इंडस्ट्रियल प्लांट्स पर काम शुरू हो गया है। उन्होंने कहा, ‘हमारे लिए एक लाख करोड़ का निवेश भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना एक लाख रुपए का निवेश। उद्यमिता के क्षेत्र में कदम बढ़ाने वालों में किसी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए।’
फायर एनओसी होगी आसान
सीएम ने कहा कि उद्योगपतियों द्वारा उठाई गई फायर एनओसी की समस्या का भी समाधान किया जा रहा है। इसके लिए दिसंबर सत्र में नया बिल लाया जाएगा। इसमें समयबद्ध और सरल प्रक्रिया के माध्यम से उद्योगों को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि राज्य में खेती से जुड़े फूड इंडस्ट्री और रोजगार आधारित उद्योगों को लगातार बढ़ावा दिया जा रहा है।
