
रीवा में खाद संकट गहराता जा रहा है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि किसान खाद के लिए एक दिन पहले से ही मंडी के बाहर लाइन लगाकर बैठ रहे हैं। रविवार दरमियानी रात जिले की सबसे बड़ी करहिया मंडी में तो हजारों किसान खाद लेने के लिए पहुंच गए। इनमें बच्चे से लेकर बड़े-बुजुर्ग तक शामिल थे। 200 से ज्यादा महिलाएं भी खाद के लिए अंधेरे में लाइन में बैठी नजर आईं।
कई महिलाओं के गोद में बच्चे भी नजर आए। रात करीब 2 बजे तेज बारिश शुरू होने पर अचानक भगदड़ की स्थिति निर्मित हो गई। बारिश और ठंड से बचने के लिए कोई शॉल तो कोई पॉलीथिन ओढ़े नजर आया। कुछ ने तो टीन शेड को सिर पर रख लिया। किसानों का आरोप है कि कालाबाजारी के चलते उन्हें इतना परेशान होना पड़ रहा है।
10 दिनों से खाद के लिए केंद्रों पर भटक रहे, कोई नहीं सुन रहा
किसानों ने बताया कि वे लगातार 10-10 दिनों से खाद लेने केंद्रों पर आ रहे हैं, लेकिन अब तक उन्हें खाद नहीं मिली। रविवार रात से लगी लाइन सोमवार दोपहर तक और लंबी हो गई। दोपहर 12 बजते-बजते करहिया मंडी में तीन हजार से ज्यादा किसान नजर आए। परिसर से करीब 2 किमी दूर तक कहीं कदम रखने की जगह नहीं थी।
सुनीता पटेल ने कहा, “खेती किसानी का सीजन चल रहा है और फसल लगातार सूख रही है। फसल ना मिलने से किसान परेशान हैं, लेकिन प्रशासन केवल दावे करने और फोटो पोस्ट करने में लगा हुआ है। अगर सभी को खाद मिल गई होती तो हम ग्रामीण आधी रात लाइन में क्यों लगते।”
महिलाएं और बच्चे भी लाइन में, सुरक्षा और सुविधा की कमी
प्रमिला सिंह ने बताया, “मैं घर में 3 साल के बच्चे को छोड़कर आई हूं। पति-पत्नी दोनों यहां खाद लेने आए हैं। आधी रात बच्चा लगातार रो रहा है और दादा भी उसे संभालने में परेशान हैं। इसके बावजूद यह गारंटी नहीं है कि हमें खाद मिल पाएगी।”
महिलाओं के लिए टॉयलेट जाना मुश्किल
नीलम सिंह ने कहा, “बारिश में सिर छुपाने की जगह भी नहीं है। हम सभी महिलाएं हैं लेकिन सुरक्षा और महिला टॉयलेट की कोई व्यवस्था नहीं है। इतने पुरुष भी लाइन में हैं, महिलाओं के लिए टॉयलेट जाना मुश्किल है।” किसानों का कहना है कि खाद की कालाबाजारी भी हुई है।
खाद वितरण जारी- अपर कलेक्टर
अपर कलेक्टर सपना त्रिपाठी ने बताया कि जिले में खाद की रैक लगातार प्राप्त हो रही है। निजी विक्रेताओं और सहकारी समितियों को खाद राजस्व अधिकारियों और कृषि विभाग की निगरानी में वितरित की जा रही है।
उन्होंने बताया कि किसान अपनी एक सप्ताह की आवश्यकता के अनुसार खाद का उठाव करें। 27 अगस्त को गुप्ता खाद भंडार सेमरिया, बीना खाद भंडार हरदुआ, इफको बाजार खाद भंडार समिति मनगवां और बड़ा गांव सहकारी समिति में खाद का वितरण किया गया। इसी तरह सहकारी समिति बम्हनी, सेमरिया, सोहागी और इफको बाजार खाद भंडार में भी वितरण जारी है।

