
रीवा जिले में खाद की किल्लत गहराती जा रही है। रविवार और सोमवार को जहां करहिया मंडी में सैकड़ों किसान रातभर लाइन में लगे रहे, वहीं मंगलवार को गुढ़, त्योंथर, जवा, मनगवां और सेमरिया से भी तस्वीरें सामने आईं। यहां किसान कई-कई घंटे कतार में खड़े होकर खाद का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन समय पर खाद नहीं मिलने से फसलें सूखने लगी हैं।
गुढ़ से सामने आई तस्वीरों में सैकड़ों किसान धूप-गर्मी की परवाह किए बिना खाद लेने के लिए 1 किलोमीटर लंबी कतार में खड़े नजर आए। किसानों ने बताया कि वे कई दिनों से संघर्ष कर रहे हैं। अगर जल्द खाद नहीं मिली तो फसलें पूरी तरह खराब हो जाएंगी।
किसानों का आरोप- कालाबाजारी से बढ़ी समस्या
किसान हरीश प्रजापति ने बताया कि कुछ जगहों पर खाद की कालाबाजारी हो रही है। खाद निर्धारित दाम से ज्यादा पर बेची जा रही है या फिर खास किसानों को ही अधिक मात्रा में मिलती है। इससे सामान्य किसान खाली हाथ लौट रहे हैं।
नेताओं और वकीलों ने उठाई आवाज
किसान नेता शिव सिंह ने कहा कि 48 घंटे तक लाइन लगाने के बावजूद खाद नहीं मिल रही। इससे फसल की बुआई समय पर नहीं हो पा रही और मेहनत बेकार जा रही है। अधिवक्ता बीके माला ने बताया कि कई समितियों में खाद की बोरियां खत्म हो गई हैं। जहां उपलब्ध है, वहां किसानों को सुबह से शाम तक खड़ा रहना पड़ रहा है, लेकिन कई लोग 12 घंटे लाइन में लगने के बाद भी निराश लौटते हैं।
प्रशासन का दावा- पर्याप्त स्टॉक और सख्त निगरानी
कलेक्टर प्रतिभा पाल ने कहा कि सहकारी समितियों और निजी विक्रेताओं द्वारा राजस्व व कृषि विभाग की निगरानी में खाद का वितरण कराया जा रहा है। बिक्री केंद्रों पर किसानों को छाया, पानी और ORS पैकेट मुफ्त उपलब्ध कराए जा रहे हैं। अपर कलेक्टर सपना त्रिपाठी और एसडीएम वैशाली जैन की देखरेख में कृषि उपज मंडी रीवा में खाद का वितरण कराया जा रहा है।