
पीथमपुर में रविवार रात प्राइवेट ऑइल कंपनी में एक-दूसरे को बचाने में तीन लोगों की जान चली गई। कंपनी ने करीब छह घंटे तक मामले को छुपाए रखा। पुलिस को बिना सूचना दिए निजी अस्पताल ले गए, जहां से इंदौर के एमवाय अस्पताल रेफर कर दिया। यहां तीनों को मृत घोषित कर दिया। मृतक सुनील (35), दीपक (30) और जगदीश हैं।
घटना के बाद सोमवार को फैक्ट्री बंद रही। यहां कोई मजदूर काम करने नहीं पहुंचा। बगदून थाना क्षेत्र स्थित श्री सागर लुब्रिकेंट कंपनी में जांच के लिए हेल्थ एंड सेफ्टी विभाग डायरेक्टर नमिता तिवारी समेत अन्य अधिकारी पहुंचे। कलेक्टर प्रियंक मिश्र ने मामले की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं। तीनों के शव काे पोस्टमार्टम के बाद पीथमपुर लाया जाएगा। मजदूर संगठन ने मुआवजे की मांग की है। घटना के विरोध में मजदूर संगठनों ने कंपनी के गेट पर प्रदर्शन की बात कही है। इसे देखते हुए कंपनी के आसपास पुलिस तैनात की गई है। साथ ही, आंसू गैस छोड़ने वाली गन भी मंगाई गई है।
एक के बाद तीन लोगों का दम घुट गया
हेल्थ एंड सेफ्टी विभाग की डायरेक्टर नमिता तिवारी ने बताया कि कंपनी जले हुए ऑइल को री-साइकिल करने का काम करती है। कंपनी में करीब आठ से 10 लोग काम करते थे। रविवार रात करीब 7 बजे ऑइल के टैंक की सफाई के लिए एक मजदूर उतरा था। वह बेहोश हो गया। कुछ देर तक आवाज नहीं आई, तो दूसरा अंदर गया। वह भी बेहोश हो गया, तो तीसरा मजदूर उन्हें बचाने के लिए उतरा। बारी-बारी से तीनों बेहोश हो गए। उन्हें बचाने के लिए कमर में रस्सी बांधकर चौथा मजदूर टैंक में गया। जब वह भी बेहोश होने लगा, तो बाहर खड़े लोगों ने उसे तुरंत बेहोशी की हालत में खींच लिया। इसके बाद रस्सी डालकर तीनों को बाहर निकाला गया।
तिवारी ने बताया कि मजदूरों ने इसकी सूचना कंपनी प्रबंधन को दी। इसके बाद चारों को पिकअप वाहन से पहले निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां से एमवाय अस्पताल रेफर कर दिया गया। यहां तीन लोगों को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया, जबकि छोटू पंवार नाम का मजदूर घायल है।
कंपनी ने की लापरवाही
तिवारी के मुताबिक चारों लोग बिना किसी सेफ्टी के टैंक में उतरे थे। कंपनी की लापरवाही तो है। आशंका है कि मीथेन गैस के कारण मजदूरों की मौत हुई है। कंपनी अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।
कंलेक्टर ने दिए मजिस्ट्रियल जांच के आदेश
कलेक्टर प्रियंक मिश्र ने बताया कि शासन स्तर पर जो मदद हो सकेगी, वो मजदूर परिवार को की जाएगी। कारखाना प्रबंधन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सभी कारखाना प्रबंधकों से बैठक की जाएगी। मामले की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं। पीथमपुर एसडीएम को जांच सौंपी है।
फैक्ट्री प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप
बागदूंन थाना प्रभारी राजेंद्र सोनी ने बताया कि फैक्ट्री मालिक या प्रबंधन ने करीब 6 घंटे तक मामले को छिपाए रखा। पुलिस को कंपनी प्रबंधन की ओर से सूचना नहीं दी गई। वे स्वयं फैक्ट्री गए, लेकिन वहां कोई नहीं मिला। फिलहाल, कारखाने के बाहर पुलिस बल तैनात किया गया है।
पीड़ित को उचित मुआवजे की मांग
अखिल भारतीय मजदूर संघ के उपाध्यक्ष हेमंत हिरोले ने मृतक मजदूरों के परिवारों को उचित मुआवजे की मांग की है। उन्होंने कहा कि कारखानों में बिना सुरक्षा इंतजाम काम करवाया जाता है, जो सरकारी एजेंसियों की विफलता को दर्शाता है।
उद्योगिक क्षेत्र की कंपनियों में आग लगने और गैस रिसाव की घटनाएं आम हो गई हैं। इन हादसों में अक्सर मजदूरों को अपनी जान गंवानी पड़ती है। मजदूर अपने परिवार का पेट पालने के लिए इन खतरनाक परिस्थितियों में काम करने को मजबूर हैं।
