
रीवा जिले के ग्रामीण यांत्रिकी सेवा क्रमांक 2 के कार्यपालन यंत्री एसबी रावत ने एक एक्सक्लूसिव वीडियो में जिला पंचायत में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। रावत का कहना है कि अधिकारी पैसे लेकर फाइलों को दबा देते हैं और जांच प्रक्रिया को प्रभावित करते हैं।
वीडियो में रावत स्पष्ट रूप से कहते नजर आए कि “जिला पंचायत में जो बाबू बैठे हैं, वे पूरे रीवा के दलाल हैं। पैसे लेकर दो लाइन लिख दिया जाता है कि जांच ठीक नहीं है। फरियादी मौजूद नहीं था या फिर और कुछ। ऐसे ही सारे मामलों को दबा दिया जाता है।”
वे यह भी कहते हैं कि जब तक ये अधिकारी वहीं रहेंगे, कोई कार्रवाई नहीं हो पाएगी। उनके मुताबिक, फाइलें जांच के नाम पर उलझा दी जाती हैं और वास्तविक कार्रवाई नहीं होती।
अब सिस्टम पर सवाल
रावत के इस बयान के बाद सवाल उठ रहे हैं कि रीवा जिले में जिला पंचायत के तहत कितनी शिकायतें और भ्रष्टाचार के मामले पहले ही दबे हुए हैं। उनके अनुसार, सैकड़ों मामलों में ग्रामीणों और शिकायतकर्ताओं की शिकायतों को उपेक्षित किया गया है। विशेष बात यह है कि यह आरोप केवल ग्रामीणों या विपक्षी नेताओं द्वारा नहीं, बल्कि एक सरकारी अधिकारी और कार्यपालन यंत्री द्वारा लगाए जा रहे हैं।