
पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (PDS) की स्थिति सुधारने के लिए अब जिला प्रशासन ने सख्त रुख अपना लिया है। सितंबर माह की समीक्षा में खुलासा हुआ है कि जिले में खाद्यान्न का उठाव मात्र 83% और वितरण केवल 51% तक ही हुआ है। यही कारण है कि प्रदेश की रैंकिंग में जिले की स्थिति 51वें स्थान पर दर्ज हुई है। अब तीन दिन (30 सितंबर) में शत प्रतिशत उठाव और वितरण के निर्देश दिए गए हैं।
जिला प्रबंधक, MPSCSC को आदेशित किया गया है कि सभी शासकीय उचित मूल्य दुकानों में तत्काल खाद्यान्न का उठाव कर भंडारण किया जाए। वहीं, सहकारिता विभाग और DCCB को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है कि नमक और शकर की राशि समय पर जमा हो तथा उचित मूल्य की सभी दुकानें नियमानुसार खुली रहें।
अवकाश में भी खुले रहें वितरण केंद्र
इसके अलावा MPWLC के जिला प्रबंधक को निर्देशित किया गया है कि सभी प्रदाय केन्द्रों की गोदामें शनिवार, रविवार और अवकाश वाले दिनों में भी खोली जाएं। परिवहनकर्ताओं को भी मुख्यमंत्री युवा अन्नदूत योजना के अंतर्गत सप्ताह के सातों दिन खाद्यान्न उठाव और परिवहन करने का दायित्व सौंपा गया है।
दुकान बंद होने पर होगी कार्रवाई
सहायक और कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारियों को लगाया गया है कि जिले की कोई भी उचित मूल्य दुकान बंद न रहे और हर हितग्राही तक खाद्यान्न पहुंचे। प्रशासन ने साफ कर दिया है कि निर्देशों का कड़ाई से पालन नहीं करने पर जिम्मेदार अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी।