
सीहोर में खरीदी केंद्रों पर धोखाधड़ी जारी है। किसानों से गेहूं-धान बीते साल की कीमतों पर ही खरीदा जा रहा है। गेहूं 2700 और धान 3100 रुपये प्रति क्विंटल खरीदने को लेकर अखिल भारतीय किसान सभा ने आंदोलन की चेतावनी दी।
विधानसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी ने किसानों से गेहूं 2700 रुपये और धान 3100 रुपये प्रति क्विंटल खरीदने का वादा किया गया था। यही नहीं बीजेपी ने अपने चुनावी वचन पत्र ओर मोदी की गारंटी में भी घोषणा की गई थी। इसके बावजूद किसानों के साथ धोखा किया जा रहा है। किसानों से गेहूं और धान बीते साल की कीमतों पर ही खरीदा जा रहा है। उक्त आरोप मध्यप्रदेश सरकार पर किसान सभा के प्रांतीय महासचिव प्रहलाद दास बैरागी ने लगाए हैं।
उन्होंने कहा कि गेहूं में मिट्टी होने के नाम पर भी किसानों को परेशान किया जा रहा है। समर्थन मूल्य खरीदी केंद्र वेयर हाउसों पर किसानों के साथ इलेक्ट्रॉनिक तौल कांटों के माध्यम से भी धोखाधड़ी की जा रही है। गेहूं से भरी प्रति ट्रॉली पर 50 किलो से 75 किलो तक वजन काटा जा रहा है। बैरागी ने कहा कि मोदी की गारंटी भी भाजपा का जुमला ही सिद्ध हुआ है। किसानों का पिछले गेहूं का बोनस और सोयाबीन का भवंतर तथा बाकी की बची हुई राहत राशि अभी तक नहीं मिली है।
श्यामपुर क्षेत्र के गेहूं उपार्जन केन्द्रों पर किसानों के साथ खरीदी में भ्रष्टाचार के चलते गेहूं में मिट्टी के नाम पर बट्टा लगाकर खरीदी की जा रही है। यह किसानों के साथ अन्याय है। इस कृत्य की किसान सभा कड़े शब्दों में निन्दा करती है और मांग करते हैं कि इस मामले की उचित जांचकर दोषी उपार्जन अधिकारी कर्मचारियों और वेयरहाउस के मालिकों पर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में किसानों को लूटने और फिजूलखर्ची के बोझ से बचाया जाए। अगर शासन प्रशासन समय रहते समस्या का समाधान नहीं करता है तो अखिल भारतीय किसान सभा सैकड़ों किसानों के साथ आंदोलन के लिए बाध्य होगी।