
चंबल में मादा चीता वीरा ने दस्तक दी है। इस दौरान चीते ने ग्रामीणों की बकरियों का शिकार भी किया, जिससे ग्रामीण दहशत में हैं।
श्योपुर के कूनो अभ्यारण्य से निकली मादा चीता वीरा मुरैना जिले की जौरा तहसील इलाके में घूम रही है। वीरा ने चरवाहे के सामने बकरे का शिकार किया है। एक दिन पहले भी इसी चरवाहे की बकरी का शिकार किया था।
चीता के मूवमेंट से ग्रामीण घबराए हुए हैं। वीरा और नर चीता पवन 24 मार्च को कूनो नेशनल पार्क से बाहर निकल गए थे। तब इन्हें मुरैना के पहाड़गढ़ के ईश्वरा महादेव के जंगलों में देखा गया था। नर चीता पवन लौटकर कूनो में पहुंच गया, लेकिन वीरा पहाड़गढ़ से आगे निकलकर धानाकुंआ, चांचुल होते हुए जौरा के पगारा के जंगल तक आ गई है।
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में चीता घुस आया है, इसीलिए लोग अंधेरा होने के बाद घरों से नहीं निकल रहे हैं। उन्होंने बताया, जंगल गांव से लगा हुआ है। चीता मंगलवार शाम को एक बकरी को पकड़कर ले गया। डर की वजह से कोई भी बकरियां चराने नहीं गया। गुरुवार को गया तो चीता फिर आ गया और बकरियों के झुंड में से एक बकरे पर टूट पड़ा।
बता दें, इसी साल जनवरी में भी मादा चीता कूनो से भागी थी। वीरा रहवासी इलाके में पहुंच गई थी।लगभग 20 घंटे बाद वह वीरपुर क्षेत्र के सामान्य वनमंडल क्षेत्र में लौट आई थी। वीरा दक्षिण अफ्रीका से लाई गई चीतों की दूसरी खेप में भारत आई थी। दूसरी खेप में 12 चीतों को भारत लाया गया था। 20 दिसंबर 2023 को स्वास्थ्य परीक्षण के बाद मादा चीता वीरा को बाड़े से निकालकर खुले जंगल में छोड़ा गया था।
वहीं, वन मंडलाधिकारी स्वरूप दीक्षित ने कहा कि खबर मिली है। चीते ने एक बकरी और बकरे का शिकार किया है। यह भी हो सकता है कि किसी दूसरे जानवर ने शिकार किया हो। हम मामले की जांच कर रहे हैं।