
मरीज और उनके परिजन दवा लेने के लिए तीन-तीन घंटे लाइन लगकर अपने नंबर का इंतजार करते रहे और बाद उन्हें दो या तीन दवाएं ही मिलीं।
राजधानी के मॉडल कहे जाने वाले जिला अस्पताल जय प्रकाश (जेपी) की ओपीडी में आने वाले मरीजों को दवाएं तक नहीं मिल पा रही हैं। मरीजों को आधी से ज्यादा दवाएं महंगे रेट में बाहर से खरीदनी पड़ रही हैं। हालात यह हैं कि यहां घाव ठीक करने वाला मरहम और सामान्य दर्द की दवाएं तक नहीं मिल पा रहीं हैं।
गौरतलब है कि तीन दिन की छुट्टी के बाद शुक्रवार को अस्पाल में मरीजों की भीड़ देखने को मिली। मरीज और उनके परिजन दवा लेने के लिए तीन-तीन घंटे लाइन लगकर अपने नंबर का इंतजार करते रहे और बाद उन्हें दो या तीन दवाएं ही मिलीं। कई मरीजों ने दवा नहीं मिलने पर नाराजगी व्यक्त की।
नहीं मिला मरहम
पैर में चोट लगने पर जेपी अस्पताल में इलाज कराने अईं रानो बाई ने बताया कि डॉक्टर ने ओपीडी में दवाएं लिखी थीं, जिनमें से तीन दवाएं उन्हें बाहर से खरीदने के लिए कहा गया, क्योंकि उक्त दवाओं का स्टॉक खत्म हो गया है। रानो बाई ने बताया कि उन्हें डॉक्टर ने जो मरहम लिखा वह अस्पताल में नहीं मिल पाया है।
पांच में सिर्फ दो दवाएं मिली
पेट में दर्द होने के बाद उपचार के लिए ओपीडी में आए उमाकांत ने बताया कि डॉक्टर ने पांच दवाएं लिखी थीं, पर मुझे दो ही दवाएं मिलीं। मैं तो सक्षम हूं बाहर से खरीद लूंगा, लेकिन कई लोग ऐसे हैं, जिनके पास अस्पताल तक आने का किराया भी नहीं होता, वे कहां से दवा खरीदेंगे।
सामान्य की जगह दे रहे कॉन्बिनेशन वाली दवाएं
गौरतलब है कि सरकारी अस्पतालों में विभाग के आदेशानुसार करीब 270 प्रकार की दवाएं होनी चाहिए, लेकन जिला अस्पताल में सौ से ज्यादा दवाएं उपलब्ध नहीं हैं। अब अस्तपाल प्रबंधन इन दवाओं की कमी पूर्ण करने के लिए सामान्य की जगह कॉन्बिनेशन वाली दवाएं देने के लिए कहा है। जिन मरीजों को सामान्य दर्द होता है उनको भी कॉन्बिनेशन वाली दवाएं दी जा रही हैं। वहीं घाव में लगाने वाले मरहम वेटाडीन की जगह जेल दिया जा रहा है।
इनका कहना है…
अगर अस्पताल में दवाओं की कमी है, तो फार्मासिस्टों को तुरंत रिक्वायरमेंट स्टोर को भेजना चाहिए। हमने नई व्यवस्था बनाई है। मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी।
-डॉ. राकेश श्रीवास्तव, अधीक्षक जेपी अस्पताल