
देर रात तक निर्वाचन दल अपने मतदान केंद्रों से लौटे और सभी ईवीएम को स्ट्रॉन्ग रूम में रखवाया गया। शहडोल में वरिष्ठ अफसरों की मौजूदगी में यह कार्यवाही की गई। प्रदेश में पिछले चुनावों के मुकाबले कम वोटिंग ने प्रत्याशियों की चिंताओं को बढ़ा दिया है।
शहडोल लोकसभा निर्वाचन हेतु शऩिवार को पुलिस ऑब्जर्वर केवी मोहन राव, कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी तरुण भटनागर, पुलिस अधीक्षक कुमार प्रतीक व राजनैतिक दल के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज में बनाए गए स्ट्रांग रूम में ईवीएम मशीनों को सील किया गया। इस अवसर पर उप जिला निर्वाचन अधिकारी अमृता गर्ग, अनु विभागीय अधिकारी अरविंद शाह, ज्योति सिंह परस्ते, नरेंद्र सिंह धुर्वे सहित राजनैतिक दल के प्रतिनिधि उपस्थिति थे।
शहडोल में 2014 में 62.20 प्रतिशत और 2019 में 74.73 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। इस बार 2014 से ज्यादा लेकिन 2019 से कम वोटिंग हुई है। अब तक के आंकड़ों के अनुसार शहडोल लोकसभा सीट पर 63.73 प्रतिशत वोटिंग हुई है। इनमें भी सबसे अधिक 70.07 प्रतिशत वोटिंग जैसिंहनगर विधानसभा क्षेत्र में और सबसे कम 60.01 प्रतिशत बडवारा विधानसभा क्षेत्र में हुई है। इस पर भाजपा की प्रत्याशी हिमाद्री सिंह और कांग्रेस प्रत्याशी फुंदेलाल मार्को ने अपनी-अपनी जीत के दावे किए हैं।
पडरिया में 10 घंटे बाद पड़ा वोट
शहडोल में वोटिंग प्रतिशत कम होने की वजह मौसम को बताया जा रहा है। साथ ही कई इलाकों में मतदाताओं ने बहिष्कार भी किया है। अमलाई क्षेत्र स्थित ग्राम पडरिया के 1135 मतदाता चुनाव का बहिष्कार कर रहे थए। शाम चार बजकर 50 मिनट तक नौ मत ही डले थए। ग्रामीण जिद पर अड़े थे कि सड़क, पानी, मुआवजा और प्रदूषण की समस्या से उन्हें निजात नहीं मिलेगी, तब तक वे अपने मताधिकार का उपयोग नहीं करेंगे। कलेक्टर तरुण भटनागर और पुलिस अधीक्षक कुमार प्रतीक देर शाम को ग्राम पहुंचे। दोनों ने ग्रामीणो की मांगों को सुना। उन्हें आश्वस्त किया तब कहीं जाकर पड़रिया गांव के मतदाता मतदान करने को तैयार हे। इसी तरह बुढार जनपद पंचायत क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत खाम्हीडोल में मतदाता नाराज थे। रोड नहीं तो वोट नहीं, नारे लगा रहे थे। दोपहर को अधिकारी खाम्हीडोल के बूथ क्रमांक 77 पहुंचे और नाराज मतदाताओं को मनाया।