
जनपद सीईओ मनीष बागरी ने बताया कि यदि सामूहिक शौचालय में भूसा रखा है तो वह जानकारी लेते हैं। उन्होंने बताया कि तेंदूखेड़ा जनपद में 40 सामूहिक शौचालय मंजूर हुए थे, जो पूर्ण हो गए हैं और उनका उपयोग भी हो रहा है।
केंद्र सरकार और राज्य सरकार गांव को स्वच्छ बनाए रखने का भरसक प्रयास कर रही है। वहीं, इसके उलट दमोह जिले की तेंदूखेड़ा तहसील के कुदपुरा गांव में सामूहिक शौचालय में भूसा भरा होने का मामला सामने आया है। यहां ग्राम पंचायत द्वारा तीन साल पहले सामूहिक शौचालय बनाया गया था, जो आज भी अधूरा पड़ा है और अब इसका उपयोग भूसा भरने में किया जा रहा है।
कुदपुरा ग्राम पंचायत नोरादेही अभयारण्य के अंतर्गत आने वाली पंचायत है और मुख्यालय से इसकी दूरी 40 से 45 किलोमीटर दूर है। इस पंचायत में अधिकांश निर्माण कार्य कागजों पर किए गए हैं, जिसका एक उदाहरण यहां बने व्यक्तिगत शौचालय भी है। इनका निर्माण तीन से चार साल पहले कागजों पर हो गया था। उसी तरह सामूहिक शौचलय को कागजों पर ही पूरा करने की तैयारी पंचायतकर्मी कर रहे हैं तभी तो सामूहिक उपयोग के लिए बनाए गए शौचालय में भूसा की बोरी भरी है। ये बोरी किसकी है और पंचायत के शौचालय में रखने की अनुमति किसके द्वारा दी गई है, इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है।
कई पंचायतों में यह आलम
सामूहिक शौचालय निर्माण की योजना इसलिए शुरू की गई थी, क्योंकि अधिकारियों ने ऊपर यह जानकारी भेजी थी कि ग्राम पंचायत पूरी तरह ओडीएफ हो चुकी है। लेकिन जो बाहरी या राहगीर लोग यहां आते हैं, उनके लिए दैनिक क्रियाओं को करने के लिए कोई सुविधा नहीं है तो वह इस सामूहिक शौचालयों का उपयोग कर सकते हैं। इसका संचालन स्व सहायता समूह द्वारा होना था। तेंदूखेड़ा जनपद की लगभग 62 में से 40 ग्राम पंचायतों में यह सामूहिक शौचालय तैयार करने राशि आई थी पर आज तक एक भी शौचालय तैयार नहीं हुआ है।
आज भी यदि जांच की जाए तो कई तो पूरी तरह खंडर बन चुके हैं, किसी में छपाई नहीं हुई है तो किसी का गड्ढा ही गायब है। किसी की राशि निकल जाने के बाद जिम्मेदारों ने कार्य ही नहीं करवाया। क्षेत्र के कई गांव और पंचायतों से जानकारी लेने पर पता चला है कि व्यक्तिगत शौचालय की तरह सामूहिक शौचालय कागजों तक ही सिमित होकर रहे गए हैं। जमीनी स्तर पर इसका कोई लाभ नहीं मिला है और कई में तो कूदपुरा की तरह भूसा या लकड़ी भरी हुई है।
उपयंत्री खेम सिंह मरावी का कहना है, सामूहिक शौचालय साल 2021 में बना था। उस समय मेरी पदस्थापना नहीं थी। जब मैं पदस्थ हुआ, उस समय से लेकर आज तक वह अधूरा है। कई बार सरपंच और सचिव को सामूहिक शौचालय पूर्ण करने मौखिक निर्देश दिए, लेकिन वह हमेशा मेरी बातों को अनदेखा करते हैं। वहीं, जनपद सीईओ मनीष बागरी ने बताया कि यदि सामूहिक शौचालय में भूसा रखा है तो वह जानकारी लेते हैं। उन्होंने बताया कि तेंदूखेड़ा जनपद में 40 सामूहिक शौचालय मंजूर हुए थे, जो पूर्ण हो गए हैं और उनका उपयोग भी हो रहा है।