
महिला डॉक्टर की मनमानी सामने आई है। डॉक्टर ने आठ महीने की गर्भवती महिला से कहा, पहले पानी साफ करो, फिर जांच रिपोर्ट दूंगी।
सीहोर में भैरूंदा के सिविल अस्पताल में आठ महीने की गर्भवती महिला के साथ अस्पताल में पदस्थ महिला डॉक्टर के द्वारा अभद्रता किए जाने का मामला सामने आया है। महिला अपने पति के साथ सोनोग्राफी कराने के लिए अस्पताल पहुंची थी। जांच के दौरान ही महिला डॉक्टर रूकमणी गुलहारिया के केबिन में पानी फैल गया था, जिसे साफ करने के लिए डॉक्टर ने गर्भवती महिला को कहा। इस दौरान मौके पर मौजूद पति के द्वारा महिला डॉक्टर से कहा कि यह पानी किसी अन्य महिला के हाथों गिरा है, इसे अस्पताल में पदस्थ सफाई कर्मचारी को बुलाकर साफ करा लेते हैं। लेकिन महिला डॉक्टर गर्भवती से ही फर्श पर फैले पानी को साफ कराने की जिद पर अड़ी रही।
इस दौरान डॉक्टर ने यह भी कहा कि जब तक महिला फर्श साफ नहीं करती, तब तक जांच रिपोर्ट उसे नहीं दूंगी। महिला डॉक्टर के इस अशोभनीय व्यवहार से आहत पति ने इसकी शिकायत तत्काल सीएम हेल्पलाइन, कलेक्टर, सीएमएचओ सहित सीबीएमओ को लिखित में आवेदन देकर की। मामले की गंभीरता को देखते हुए सीबीएमओ के द्वारा संबंधित महिला डॉक्टर को शोकाज नोटिस जारी कर तीन दिनों में जवाब मांगा है। इस मामले में महिला के पति का आरोप है कि केवल मेरे साथ ही नहीं, बल्कि डॉक्टर के द्वारा अपने वरिष्ठ अधिकारी सीबीएमओ के साथ भी अशोभनीय भाषा में ही बात की।
उल्लेखनीय है कि शनिवार 25 मई को बीजला निवासी स्वाती पति शुभम विश्वकर्मा पेट में आठ महीने का गर्भ धारण किए हुए अपनी सोनोग्राफी कराने के लिए सिविल अस्पताल पहुंची थी। इस दौरान महिला डॉक्टर का केबिन खाली था। लगभग 10 बजे के आसपास महिला डॉक्टर रूकमणी गुलहारिया केबिन में पहुंची और उन्होंने जांच की। महिला अपने साथ पानी की बोतल लेकर भी गई थी। डॉक्टर को दिखाने के दौरान अन्य किसी महिला के हाथों से केबिन में फर्श पर पानी फैल गया था, जिसे तत्काल साफ करने व पोछा लगाने के लिए डॉक्टर ने गर्भवती महिला पर बार-बार दबाव बनाया। डॉक्टर का यह व्यवहार महिला के पति को समझ नहीं आया और उसने बिना देर किए वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी शिकायत की।
पति का आरोप, अस्पताल में सफाई कर्मचारी तो फिर पौछा लगाने पत्नी पर क्यों बनाया दबाव
महिला के पति शुभम विश्वकर्मा ने महिला डॉक्टर रूकमणी गुलहारिया के दुर्व्यहार से आहत होकर मीडिया से चर्चा करते हुए आरोप लगाया कि अस्पताल प्रबंधन प्रति माह लाखों रुपये साफ-सफाई के नाम पर खर्च कर रहा है। इस दौरान सफाई कर्मचारी भी मौजूद रहते हैं। यदि किसी महिला के हाथ से गलती से पानी भी फर्श पर फैल गया तो क्या उसे सफाई कर्मी को बुलाकर साफ नहीं कराया जा सकता। लेकिन महिला डॉक्टर ने ऐसा न करते हुए गर्भवती को ही निशाना बनाया। इस बात के लिए बार-बार दबाव बनाया कि सफाई तो तुम्हें करनी ही होगी।
दी धमकी, सफाई नहीं की तो रिपोर्ट नहीं मिलेगी
महिला डॉक्टर ने गर्भवती से कहा कि यदि तुम सफाई नहीं करोगी तो मैं तुम्हें जांच रिपोर्ट भी नहीं दूंगी। इसके लिए तुम चाहे कितने ही सिर पटक लो। बार-बार महिला को इसी बात की धमकी दी जा रही थी। जब महिला ने यह बात अपने पति को आकर बताई तो उसने जाकर महिला डॉक्टर से बात करना चाही, लेकिन डॉक्टर के द्वारा पत्नी के बाद पति से भी अभद्रता करते हुए उसे केबिन से जाने को कहा। इस बीच में सफाई कर्मचारी भी आया, लेकिन उसे बिना सफाई कराये ही वापस लौटा दिया।
प्राइवेट पर्चे को पहले तो सरकारी पर्चे को बाद में दी जा रही तवज्जो
महिला के पति ने बताया कि सिविल अस्पताल में सोनोग्राफी करने में भी महिला डॉक्टर के द्वारा भेदभाव किया जाता है। उनके द्वारा सबसे पहले उन महिलाओं की सोनोग्राफी की जाती है, जो उनके पास घर दिखाने जाती हैं। जबकि शासकीय पर्चा होने के बावजूद भी उन्हें लंबे समय तक इंतजार करना पड़ रहा है। मैं प्रत्येक माह अपनी पत्नी को दिखाने शासकीय अस्पताल ही जाता हूं।
शिकायत की तो डिलीवरी के समय देखूंगी
महिला डॉक्टर ने गर्भवती महिला व उसके पति को इस बात की धमकी भी दी कि तुमने कक्ष की सफाई तो नहीं की, उल्टा मुझसे बहस कर रहे हो। यदि तुमने इसकी शिकायत कहीं पर की तो डिलीवरी तो तुम्हें यहीं कराना है, तब देख लूंगी। इस बात का उल्लेख भी शिकायत पत्र में कलेक्टर से किया गया है।
कई बार आ चुके हैं अभद्रता के मामले सामने
महिला डॉक्टर रूकमणी गुलहारिया का यह पहला मामला ही नहीं है। इसके पूर्व में भी कई बार महिला मरीजों द्वारा अभद्रता की शिकायत की जा चुकी है, जिनमें डॉक्टर को सिर्फ नोटिस ही जारी किया गया है। कार्रवाई न होने के कारण अभद्रता का दंश आए दिन मरीजों को झेलना पड़ता है।सीबीएमओ डॉ. मनीष सारस्वत ने बताया कि आवेदक स्वाती पति शुभम विश्वकर्मा का आवेदन प्राप्त हुआ, जिसमें महिला डॉक्टर द्वारा अभद्रता किए जाने का उल्लेख है। इस मामले में डॉक्टर को शोकाज नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा गया है। मामला संवेदनशील है, जांच के बाद ही कार्रवाई होगी।