
दमोह लोकसभा का चुनाव दो दोस्तों के बीच हुआ है। भाजपा के राहुल सिंह और कांग्रेस के तरवर सिंह आपस में बहुत अच्छे दोस्त थे। दोनों एक साथ कांग्रेस के टिकिट पर विधायक बने थे।
दमोह लोकसभा सीट के लिए पॉलीटेक्निक कॉलेज में चार जून को मतगणना होगी। इस चुनाव में कुल 14 प्रत्याशी मैदान में हैं, लेकिन मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही है।
दोनों ही प्रत्याशी भाजपा के राहुल सिंह और कांग्रेस के तरवर सिंह अपनी जीत के प्रति आश्वस्त हैं, लेकिन कम मतदान प्रतिशत से दोनों ही चिंतित हैं। कांग्रेस को उम्मीद है कि मतदान कम होने से उसे फायदा होगा, भाजपा को लगता है भले की मतदान कम हुआ लेकिन मतदाता ने प्रधानमंत्री के चेहरे को ध्यान में रखकर मतदान किया है। यह बात भी सच है कि 9.34 प्रतिशत कम मतदान से भाजपा चिंतित है, क्योंकि 2019 के चुनाव से भी कम मतदान हुआ है।
दो दोस्तों के बीच हुआ चुनाव
दमोह लोकसभा का चुनाव दो दोस्तों के बीच हुआ है। भाजपा के राहुल सिंह और कांग्रेस के तरवर सिंह आपस में बहुत अच्छे दोस्त थे। दोनों एक साथ कांग्रेस के टिकिट पर विधायक बने थे। राहुल दमोह से और तरवर बंडा से चुनाव जीते थे, लेकिन राहुल सिंह ने 2020 में कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया था और 2021 उपचुनाव में राहुल सिंह को हार का सामना करना पड़ा। जबकि तरवर सिंह पूरे पांच साल विधायक रहे और 2023 में विधानसभा चुनाव हार गए और 2024 में दमोह से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी बनाए गए। दमोह लोकसभा लोधी बाहुल्य सीट है, इसलिए दोनों ही दलों ने लोधी प्रत्याशी उतारा।
56.48 प्रतिशत हुआ मतदान
दमोह लोकसभा में आठ विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इनमें दमोह, पथरिया, हटा और जबेरा वहीं सागर जिले की रहली, देवरी और बंडा विधानसभा आती हैं। इसके अलावा छतरपुर जिले की बड़ा मलहरा विधानसभा भी दमोह लोकसभा में आती है और केवल इसी सीट पर कांग्रेस विधायक रामसिया भारती हैं, बाकी सात विधानसभा में भाजपा के विधायक हैं और जिसमें पथरिया और जबेरा से मंत्री भी हैं। इसके बाद भी दमोह लोकसभा में 2024 के चुनाव में 56.48 प्रतिशत मतदान हुआ, जो 2019 लोकसभा चुनाव से 9.34 प्रतिशत कम है। 2019 में 65.82 प्रतिशत मतदान हुआ था।
बिकाऊ और बाहरी रहा मुद्दा
लोकसभा चुनाव में स्थानीय मुद्दे छोड़ प्रत्याशियों के बीच व्यक्तिगत मुद्दे दिखाई दिए। कांग्रेस ने भाजपा के राहुल लोधी को बिकाऊ प्रत्याशी बताया और लोभी कहा, वहीं भाजपा ने कांग्रेस प्रत्याशी को बाहरी और हारा हुआ प्रत्याशी बताया था।
15 राउंड में आएगा परिणाम
मतगणना के लिए पॉलीटेक्निक कॉलेज में जिला निर्वाचन अधिकारी सुधीर कुमार कोचर द्वारा इंतजाम कर दिए गए हैं। निर्वाचन शाखा के अनिल दुबे ने दमोह जिले की चारों विधानसभा में 15 राउंड की गणना होगी। इसके लिए पथरिया विधानसभा में 20 टेबिल और दमोह, जबेरा और हटा विधानसभा में 21 टेबल लगाई हैं। कुल 1150 कर्मचारी ड्यूटी के लिए लगाए गए हैं। उसके अलावा सागर की विधानसभा में 14 राउंड होंगे, जबकि छतरपुर जिले की बड़ामलहरा विधानसभा में 16 राउंड होना है। इस चुनाव में पुरुष मतदाताओं की संख्या 60.97 और महिला मतदाताओं की संख्या 51.55 है।
35 साल से है भाजपा का कब्जा
दमोह लोकसभा भाजपा का गढ़ बन चुकी है। 1989 से यह क्रम शुरू हुआ और 35 साल से भाजपा प्रत्याशी ही जीतते आ रहे हैं। पूर्व सांसद डॉक्टर रामकृष्ण कुसमरिया दमोह से चार बार सांसद रहे और प्रहलाद पटेल दो बार सांसद का चुनाव जीते और 2019 में केंद्रीय राज्य मंत्री भी बने। उनके विधानसभा चुनाव जीतने के चलते ही यह सीट खाली हुई और भाजपा ने पूर्व विधायक राहुल सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया और कांग्रेस ने भी पूर्व विधायक तरवर सिंह पर दांव चला ताकि लोधी वोटर जो निर्णायक की भूमिका में हैं वह बंट जाए। यह तो चार जून को पता चलेगा कि लोधी समाज का वोट किसे मिला है।
यह हैं दमोह लोकसभा के प्रत्याशी
बहुजन समाज पार्टी | इंजीनियर गोवर्धन राज | |
इंडियन नेशनल कांग्रेस | तरवर सिंह लोधी (बन्टू भैया) | |
भारतीय जनता पार्टी | राहुल सिंह लोधी | |
भारत आदिवासी पार्टी | मनु सिंह मरावी | |
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी | राजेश सिंह सोयाम | |
भारतीय शक्ति चेतना पार्टी | भैया विजय पटेल (कुर्मी) तिरगढ़ वाले | |
निर्दलीय | तरवर सिंह लोधी | |
निर्दलीय | दुर्गा मौसी | |
निर्दलीय | नीलेश सोनी | |
निर्दलीय | नंदन कुमार अहिरवाल | |
निर्दलीय | राकेश कुमार अहिरवार | |
निर्दलीय | राहुल भैया | |
निर्दलीय | राहुल भैया | |
निर्दलीय | वेदराम कुर्मी |
1962 से यह रहे दमोह सांसद
सहोद्रा राय | 1962 | कांग्रेस |
मणि भाई पटेल | 1967 | कांग्रेस |
वराहगिरी शंकर गिरि | 1972 | कांग्रेस |
नरेंद्र सिंह | 1977 | भारतीय लोकदल |
प्रभु नारायण टंडन | 1980 | कांग्रेस |
डालचंद जैन | 1984 | कांग्रेस |
लोकेंद्र सिंह | 1989 | भाजपा |
डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया | 1991, 1996, 1998, 1999 | भाजपा |
चंद्रभान सिंह | 2004 | भाजपा |
शिवराज सिंह लोधी | 2009 | भाजपा |
प्रहलाद पटेल | 2014 | भाजपा |
प्रहलाद पटेल | 2019 | भाजपा* |
*कुछ समय पहले तक वे केंद्रीय मंत्री थे। वर्ष 2023 का विधानसभा चुनाव नरसिंहपुर से जीतने के बाद उन्होंने संसद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। वे अब मध्य प्रदेश में पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री हैं।