
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के जीएम खेमचंद कोरी का कहना है कि दो-तीन दिन में स्लैब डाल दिया जाएगा। उनका पूरा प्रयास है कि बारिश से पहले पुल निर्माण हो जाए।
बारिश का समय नजदीक आ गया है और किसी भी दिन तेज बारिश शुरू हो सकती है। ऐसे में झलोन से तारादेही मार्ग पर बनाए जा रहे पुल का निर्माण पूरा नहीं हुआ है। जिस दिन कुछ घंटे की तेज बारिश हो जाएगी, उसी दिन दर्जनों गांव का आवागमन पूर्ण रूप से बंद हो जाएगा। वैकल्पिक मार्ग अभी नदी से होकर बनाया गया है और बारिश होने पर नदी में भी पानी आ जाएगा। इसके बाद कोई भी मार्ग आवागमन के लिए नहीं है। अधिकारी दो-तीन दिन में स्लैब डालने की बात कह रहे हैं।
झालोन से धनेटा, बिसानाखेड़ी सहित दर्जनों गांव के राहगीर और वाहन चालक पिछले वर्ष तक कुटीर पुल से अपना आवागमन करते थे। नवीन पुल निर्माण होने के चलते ठेकेदार ने पुल तोड़कर नदी से आवागमन के लिए मार्ग बना दिया है। आज की स्थिति देखकर यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि अभी पुल का काम पूरा होने में एक महीने से अधिक का समय लग जाएगा। मानसून आने में कुछ ही दिन बचे हैं। जिस दिन बारिश तेज हो गई उस दिन नदी में पानी भर जाएगा। दर्जनों गांव का आवागमन प्रभावित हो जाएगा, क्योंकि जिस धीमी गति से पुल का निर्माण चल रहा है उस हिसाब से पुल निर्माण में कई महीने लग जाएंगे। मामले को लेकर तेंदूखेड़ा एसडीएम अभिनाश रावत का कहना है कि मैं अभी निर्माण एजेंसी को निर्देश देता हूं कि पुल का कार्य जल्दी पूरा करें। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के जीएम खेमचंद कोरी का कहना है कि दो-तीन दिन में स्लैब डाल दिया जाएगा। उनका पूरा प्रयास है कि बारिश से पहले पुल निर्माण पूरा हो जाए।
बारिश के पहले कैसे होगा निर्माण
इसी पुल से झलोन, धनेटा, बिसानाखेड़ी, उमरिया, ओरियामाल, हरदुआ, ससना, सर्रा और तारादेही मार्ग पर चलने वाले वाहन पिछले वर्ष तक आवागमन करते थे। इस वर्ष पुल निर्माण होने के बाद ठेकेदार ने पुराना पुल तोड़ दिया और निकासी का रास्ता नदी से चालू कर दिया है। निर्माण कार्य इतनी धीमी गति से चल रहा है कि आज भी पुल अधूरा है। अब ग्रामीणों को पुल अधूरा होने का भय सताने लगा है। कई लोगों ने तो पुल निर्माण कार्य धीमी गति से चलने की शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज कराई है।
ये बोले ग्रामीण और बस संचालक
झलोन निवासी बट्टू खान, बिसानाखेडी निवासी भीकम यादव सहित दर्जनों ग्रामीणों ने बताया की निर्माण कार्य जिस गति से हो रहा है, उसके अनुसार बारिश से पहले पुल का निर्माण होना संभव नहीं है। पुल पर तीन कॉलम का निर्माण होना है जबकि अभी दो का हुआ है। तीसरे कॉलम का निर्माण अधूरा है। इस पर स्लैब होता है तो उसको पक्का होने में भी 21 दिन लगते हैं। वर्तमान में बारिश का कोई ठिकाना नहीं कब हो जाए और जिस दिन तेज बारिश हो गई उसी दिन दर्जनों गांव का आवागमन ठप हो जाएगा। झलोन से सर्रा और कई मार्ग पर यात्री बसे भी चलती है जो इसी मार्ग से होकर जाती है। वर्तमान में अन्य वाहनों के साथ बसें भी नदी से होकर गुजर रही हैं। जिस दिन बारिश हो गई उसी दिन बसों का आवागमन भी ठप हो जाएगा। बस संचालक मदन नामदेव सहित अन्य बसों के संचालकों ने बताया कि निर्माण कंपनी ने पुल निर्माण कार्य बहुत धीमी गति से किया है। यही लग रहा है की बारिश के पहले पुल निर्माण का कार्य पूरा नहीं हो पाएगा।