
मध्य प्रदेश के रायसेन जिले की एक शराब फैक्ट्री में बच्चे काम करते मिले। इस मामले में राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने सरकार को आबकारी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए है।
मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में सोम डिस्टलरी शराब फैक्ट्ररी का शनिवार को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम ने निरीक्षण किया। यहां पर शराब फैक्ट्री में 50 बच्चे काम करते पाए गए। इनमें 20 लड़कियां भी शामल है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो की ने बताया कि बचपन बचाओ आंदोलन एनजीओ की तरफ से शिकायत मिली थी। इसमें शराब फैक्ट्री में बच्चों से काम करने का मामला सामने आया। जिसके बाद रविवार को रायसेन जिले की सोम डिस्टरी नामक शराब बनाने वाली फैक्टरी में निरीक्षण किया गया, जहां 50 से अधिक बच्चे शराब बनाने का काम करते हुए पाए गए हैं इनमें 20 लड़कियां भी हैं। उन्होंने बताया कि शराब में बनाने में उपयोग होने वाले रसायनों के सम्पर्क में रहने से कई बच्चों के हाथ की चमड़ी भी जल चुकी है,बच्चों को रेस्क्यू करने एवं एफआईआर दर्ज करने की कार्यवाही की जा रही है।
आबकारी अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही करने नोटिस
आयोग की तरफ से सरकार को आबकारी अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही करने नोटिस जारी किया गया है। इस पूरे मामले में आबकारी अधिकारी की गंभीर लापरवाही सामने आई है। यह फैक्ट्ररी आबकारी विभाग की देखरेख में संचालित हो रही है। इसके परिसर में ही आबकारी अधिकारी का कार्यालय भी है। आयोग ने आबकारी अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही करने के लिए सरकार को नोटिस जारी किया जा रहा है।