
शहडोल के विराट मंदिर में उमरिया जिले से आए दर्शनार्थियों से जबरन वसूली का मामला सामने आया है। पुरातत्व विभाग के कर्मचारी ने जुर्माना कहकर पांच सौ रुपये वसूल लिए। बाद में पुलिस के कहने पर ही लौटाए।
शहडोल संभागीय मुख्यालय स्थित ऐतिहासिक विराट मंदिर में उमरिया जिले से दर्शन करने आए दो दर्शनार्थियों से वहां मौजूद पुरातत्व विभाग के कर्मचारी ने जुर्माने के नाम पर अवैध रूप से पैसे वसूल लिए। मामला पुलिस तक पहुंचा तो कर्मचारी ने रुपये वापस कर दिए।
मामला शनिवार का है। उमरिया जिले से एक किशोर व किशोरी दर्शन के लिए विराट मंदिर आए थे। दर्शन करने के बाद दोनों अपने मोबाइल से मंदिर परिसर मे सेल्फी ले रहे थे। मंदिर मे तैनात पुरातत्व विभाग का अरविन्द तिवारी नामक कर्मचारी उनके पास आया। दोनों दर्शनार्थियों को डराने-धमकाने लगा। सेल्फी खींचने के एवज में दोनों को डरा-धमकाकर पांच सौ रुपये फाइन के नाम पर ऐंठ लिए। कोई रसीद भी नहीं दी। हालकि दोनों कहते रहे कि उनके पास केवल इतने ही रुपये हैं। अगर वो ये पैसे दे देंगे तो उनके पास घर जाने के लिए बस का किराया भी नही बचेगा। पुरातत्त्व विभाग के कर्मचारी ने उनकी एक बात भी नही सुनी। पांच सौ रुपए अवैध रूप से वसूले।
किराया न होने पर दुकानदार ने पूछा कारण
इसके बाद दोनों दर्शनार्थी निराश होकर बाहर बाणगंगा चौराहा स्थित एक दूकान पहुचे। उन्होंने दुकानदार से कहा कि वह उन्हें सौ रुपए नगद दे दे इसके एवज में वह उसके फोन पे नम्बर पर अपने मित्र से सौ रुपये डलवा रहे हैं। इस बात को सुनकर दुकानदार ने दर्शानार्थियों से पूछा कि आखिर तुम इतनी दूर से आए हो और तुम्हारे पास घर जाने का किराया तक नही है। इसके बाद उन्होंने दुकानदार को सारा घटनाक्रम बताया। जुर्माने के नाम पर की गई वसूली के बारे में भी बताया। तब मामला थाने पहुंचा और उन्हें अपने पैसे वापस मिल सके।
इस बात की जानकारी सोहागपुर थाना को दी गई। कुछ ही देर में वहां पुलिस पहुंच गई। इसके बाद दर्शनार्थियों से पूछताछ के बाद विराट मंदिर मे तैनात पुरातत्त्व विभाग के कर्मचारी अरविंद तिवारी को वहां बुलाया गया। पैसे लिए जाने की बात कबूल करने के बाद उसे पुलिस ने जमकर फटकार लगाई। रुपये वापस करने को कहा। इसके बाद कर्मचारी ने दर्शनार्थियों को पांच सौ रुपये लौटाए। यह मामला सामने आया तो रुपये लौटा दिए गए। सवाल यह उठ रहा कि मंदिर परिसर मे मौजूद उक्त कर्मचारी ने न जाने अब तक कितने लोगो से इसी तरफ जुर्माने के नाम पर रुपये ऐंठ गए होंगे। इसकी जांच आवश्यक है।