
मध्यप्रदेश के सागर जिले में रहने वाला तन्मय अब जमीन पर पैर रखकर चल फिर सकता है। बीते नौ साल तक तन्मय जीवन जीने के लिए संघर्ष कर रहा था। तन्मय के माता-पिता के मुताबिक, उसका चलना-फिरना योग के कारण संभव हुआ है।
तन्मय महज नौ साल का है, लेकिन बचपन से उसके पैर जमीन पर नहीं पड़े थे। चलने के लिए जब भी उसने प्रयास किया तो पैर लड़खड़ाने लगे और वह जमीन पर धड़ाम से गिर जाता था। बगैर सहारे के वह खड़ा भी नहीं हो पाता था। उसके पिता ने योग का सहारा लिया और तन्मय को योगाचार्य विष्णु आर्य के मार्गदर्शन में योग कराना प्रारंभ किया तो उसके पैरों में जान लौटने लगी। महज एक महीने में ही तन्मय को काफी आराम मिला और वह अपने पैरों पर चलने लगा है।
तन्मय की जो दास्तां हमने बताई वह कोई फिल्मी कहानी या मेडिकल रिसर्च नहीं है। सागर जिले के बालाजी नगर निवासी राम साहू का बेटा तन्मय बीते नौ साल से पैरों में कमजोरी और लड़खड़ाहट के कारण दिव्यांग जैसा जीवन जी रहा था। पिता ने उसका काफी इलाज कराया, एक्सपर्ट से फिजियोथेरेपी भी कराई, लाखों रुपये इलाज पर खर्च भी कर दिए, लेकिन आराम नहीं मिला।
योग निकेतन के सुबोध आर्य बताते हैं, तनमय के पिता को जब योग के बारे में पता चला तो वे अपने बेटे को करीब एक महीने पहले योग निकेतन लेकर आए थे। यहां योगाचार्य विष्णु आर्यजी के मार्गदर्शन में उन्होंने अपने नौ साल के बेटे तनमय को योग कराना प्रारंभ किया था। योग का चमत्कार ही कहिए कि तनमन को महज एक महीने में ही काफी आराम मिला और वह न सिर्फ अपने पैरों पर खड़ा होने लगा बल्कि धीरे-धीरे चलने-फिरने भी लगा है। कुछ ही दिनों में तन्मय दौड़ता नजर आएगा। योग ने राम साहू के बेटे की जिंदगी में उजाला तो किया ही, उसके जीवन में रफ्तार भी भर दी है। योग की ताकत और बेटे को चलते देखकर तन्मय की मां सबसे ज्यादा खुश हैं।