
औदुम्बर ब्राह्मण महासंघ की पदयात्रा उज्जैन से प्रारंभ हुई। इसमें देवास और इंदौर के समाजजन भी शामिल हुए। यात्रा का उद्देश्य समुदाय को जोड़ने और सामाजिक सरोकारों से उन्हें जोड़ने का है।
अखिल भारतीय औदुम्बर ब्राह्मण महासंघ द्वारा समाज के सदस्यों को सामाजिक सरोकारों से जोड़ने के लिए ‘आओ साथ चले’ अभियान की शुरुआत महर्षि परशुराम आश्रम, उज्जैन से की गई। इस पदयात्रा का उद्देश्य समाज में सामाजिक संबंधों का महत्व प्रतिपादित करना और उन्हें मजबूती प्रदान करना था। इस आयोजन ने समग्र समाज को एकता का संदेश दिया।
पदयात्रा के दौरान उज्जैन के विभिन्न स्थानों पर पद यात्रियों का पुष्प वर्षा के द्वारा स्वागत किया गया। इस यात्रा में सबसे आगे डीजे गाड़ी पर “औदुम्बर औदुम्बर, हम हैं औदुम्बर ब्राह्मण” गीत पूरे जोर-शोर से बज रहा था। इसके पीछे डेढ़ सौ बटुक महासंघ परशुराम आश्रम एवं महासभा उज्जैन के बैनर लेकर चल रहे थे। समाज के सैकड़ों महिला, पुरुष, युवा अपने हाथों में विभिन्न प्रकार के स्लोगन लिखे प्लेकार्ड लेकर चल रहे थे, जैसे “समाज सेवा शौक नहीं जुनून होना चाहिए,” “समाज से लेना ही नहीं देना भी जरूरी है,” “समाज सामाजिक संबंधों का गुलदस्ता है,” “देश धर्म एवं समाज हमारी पहचान है,” “भारत माता की जय,” “भारतीय संस्कृति संस्कार एवं परंपराओं का पालन करें” आदि।
महासंघ के अध्यक्ष प्रदीप जोशी द्वारा महासंघ का ध्वज वंदन किया गया और सामूहिक रूप से वंदे मातरम का गान किया गया। महर्षि परशुराम आश्रम, उज्जैन के अध्यक्ष मन्नालाल पाठक ने स्वागत भाषण दिया और महासंघ के महासचिव उमेश द्विवेदी ने पदयात्रा की रूपरेखा एवं उद्देश्य पर प्रकाश डाला। शंख ध्वनि के साथ पदयात्रा प्रारंभ हुई और महर्षि परशुराम आश्रम पर समाप्त हुई।
महासंघ अध्यक्ष प्रदीप जोशी ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में कहा कि महासंघ समग्र समाज के विकास एवं एकता के लिए संकल्पबद्ध है और ‘आओ साथ चले’ अभियान इसी दिशा में एक कदम है। उन्होंने कहा कि इस अभियान का अगला पड़ाव दसई में रहेगा। महासचिव उमेश द्विवेदी ने आश्रम और महासभा उज्जैन के सहयोग की सराहना की।
उज्जैन महासभा की अध्यक्ष श्रीमती कौशल दुबे ने कहा कि वे महासंघ के साथ कदम से कदम मिलाकर चलती रहेंगी। महर्षि परशुराम आश्रम के अध्यक्ष मन्नालाल पाठक ने आश्रम के विकास एवं भावी योजनाओं के बारे में बताते हुए सभी से दान एवं सहयोग की अपील की।
पदयात्रा की भव्यता और सहभागिता
इस पदयात्रा में उज्जैन शहर और जिले के अलावा इंदौर और देवास से भी सामाजिक सदस्य शामिल हुए। महासंघ के महासचिव उमेश द्विवेदी ने सभी पद यात्रियों का गुलाब की कली से स्वागत किया। पदयात्रा की भव्यता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक सिरा पिपलीनाका पर था तो दूसरा सिरा महर्षि परशुराम आश्रम में। पदयात्रा के दौरान कभी रिमझिम तो कभी तेज बारिश ने पदयात्रियों का स्वागत किया, लेकिन पदयात्रियों का उत्साह ठंडा नहीं हुआ। उन्होंने अनुशासन में रहते हुए ‘आओ साथ चले’ के उद्देश्य और लक्ष्य को साकार करते हुए महासंघ के इस अभिनव प्रयोग को सार्थक सिद्ध किया। लगभग 1 घंटा 45 मिनट तक पदयात्रियों ने उज्जैन शहर में भ्रमण किया। इस पदयात्रा के पथ प्रदर्शक युवा साथी अभिजीत दुबे और ललित शर्मा थे।