
दमोह जिले के ज्यादातर सरकारी स्कूलों के भवन जर्जर हालत में है और ऐसे ही जोखिम में बच्चे यहां पढ़ाई कर रहे हैं। किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है। इसी जर्जर स्कूल भवनों की श्रृंखला में पथरिया ब्लाक के सेमरा लोधी गांव का सरकारी स्कूल भवन भी शामिल है। यहां कक्षा पहली से लेकर आठवीं तक के करीब डेढ़ सौ छात्र पढ़ने आते हैं। यहां पर केवल तीन शिक्षक पदस्थ हैं।सबसे बड़ी समस्या इस बात की है की आधे से ज्यादा स्कूल भवन का हिस्सा जर्जर हालत में है, जो कभी भी गिर सकता है, इसलिए डर के कारण शिक्षक ठीक-ठाक कमरों में ही बच्चों को पढ़ा रहे हैं। केवल तीन कमरे हैं, जहां पहली से लेकर आठवीं तक के बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। स्कूल के शिक्षक शिवराज सिंह लोधी ने बताया कि वरिष्ठ अधिकारियों को इस पूरी समस्या की जानकारी है। हमने लिखा भी है कि भवन जर्जर हो चुके हैं इसलिए नए भवन या नए कक्षों का निर्माण कराया जाना आवश्यक है। अभी तक तो कोई कार्रवाई नहीं हुई है। गांव के राजेश लोधी ने कहा कि सामने दिख रहा है कि कितना जोखिम है मजबूरी है कि यहां बच्चों को इसी स्कूल में पढ़ने आना पड़ता है क्योंकि यहां कोई और स्कूल नहीं है। सरकार और जनप्रतिनिधियों से मांग है कि यहां की व्यवस्थाएं ठीक कारण। सेमरालोधी गांव के ही प्रदुम्न सिंह ने भी स्थानीय जनता प्रतिनिधियों से मांग की है कि स्कूल भवन ठीक कराया जाए। नए भवन का निर्माण कराया जाए, ताकि बच्चों के सिर से हर समय बना रहने वाला जोखिम समाप्त हो सके। आपको बता दें कि स्कूल भवन की हालत देखकर आप खुद दंग रह जाएंगे। भवन काफी जर्जर हालत में है। पिलर लटके हुए हैं, सीलिंग से फर्श टूट कर गिर रहा है इसलिए इन कमरों में शिक्षकों ने कक्षाएं लगाना बंद कर दिया है।