
टीकमगढ़ जिले के कई ग्रामीण इलाकों में पिछले तीन माह से गरीबों को मिलने वाला 5 किलो फ्री अनाज प्रति व्यक्ति नहीं दिया गया है इसके साथ ही नमक और शक्कर का तो पता नहीं है। गांववालों का आरोप है कि ये राशन बाजार में बेच दिया गया है। राशन वितरण प्रणाली को लेकर मध्य प्रदेश सरकार चाहे कितने दावे कर ले, लेकिन हकीकत कोसों दूर है। टीकमगढ़ जिले के दरगाय कला में ऐसा ही मामला सामने आया है जहां पिछले तीन माह से फ्री सेल के तहत मिलने वाला गेहूं, नमक और शक्कर लोगों को नहीं मिली है। टीकमगढ़ जिले में जिन राशन दुकानों को प्राइवेट लोगों समितियां दी गई है वहीं से लगातार गड़बड़ी हो रही है। टीकमगढ़ जिले की मोहनगढ़ तहसील में रहने वाले लोगों के लिए करीब आठ दुकानें ग्रामीण अंचलों में संचालित हैं, जिनके माध्यम से इन लोगों को राशन वितरण किया जाता है। लेकिन, पिछले तीन माह से गरीबों को राशन उपलब्ध नहीं हो रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि राशन दुकान संचालक द्वारा उन्हें चोरी से बेच दिया गया है, क्योंकि वह सत्ता से जुड़े हुए संरक्षण में है। मोहनगढ़ तहसील की दरगाय कला, मोहनगढ़, अचर्रा, नंदनवार कुंवरपुरा, बंधा, इकबालपुरा वह राशन दुकान हैं, जहां पर जिला प्रशासन के आला अधिकारियों ने राजनीति के दबाव में राशन वितरण का कार्य शासकीय एजेंसी से छीनकर प्राइवेट समितियां को दे दिया है। कह सकते हैं महिला समितियां को दे दिया गया है, लेकिन पुरुष काम करते हैं। कागजों में महिलाएं इसका वितरण करती हैं।
दरगाय कला के रहने वाले जितेंद्र यादव ने बताया कि पिछले तीन माह से गरीबों को मिलने वाला 5 किलो फ्री अनाज प्रति व्यक्ति नहीं दिया गया है इसके साथ ही नमक और शक्कर का तो पता नहीं है। गौर गांव के रहने वाले राजेंद्र ने बताया कि पिछले तीन माह से राशन का कोई अता-पता नहीं है दुकान पर जाओ तो जवाब मिलता है कि अभी आया नहीं है। उनका सीधा आरोप है कि दुकान संचालक द्वारा राशन को मार्केट में बेच दिया गया है, क्योंकि इनको स्थानीय सत्ता से जुड़े हुए लोगों का आशीर्वाद है। इनकी अगर शिकायत करो तो कोई भी खाद्य विभाग का अधिकारी इनके खिलाफ कार्यवाही नहीं करता है, क्योंकि उसे भी अपने स्थानांतरण का डर रहता है।
आप तो सब जानते हैं- फूड इंस्पेक्टर
टीकमगढ़ जिले के जतारा ब्लॉक के फूड इंस्पेक्टर पंकज करोरिया कहते हैं कि आप तो सब जानते हैं। उन्होंने कहा कि वह समय-समय पर कार्यवाही भी करते हैं। अगर कोई शिकायत करता है तो उसकी जांच भी करते हैं। उन्होंने बताया कि वह कई दुकानों की जांच कर रहे हैं जो उनसे पूछा गया कि क्या सत्ता से जुड़े हुए लोग आपके ऊपर दबाव बनाते हैं तो उनका जवाब था कि आप टीकमगढ़ जिले के पत्रकार हैं और सब कुछ जानते हैं कि इन दुकानों को कौन संचालित करता है। और कैसे घोटाले हो रहे हैं हम तो जांच प्रतिवेदन ही भेज पाते हैं।