
दमोह जिला अस्पताल में सीजर ऑपरेशन के बाद हुई चार महिलाओं की मौत का मामला अभी थमा नहीं है, अब एक और प्रसूता महिला की डिलेवरी के दौरान बच्चे की मौत होने पर परिजनों ने स्टाफ पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। देहात थाना के खजरी गांव निवासी रजनी पति राजेश राठौर 25 को पहली डिलीवरी के लिए परिजन रविवार की रात 12 बजे जिला अस्पताल लेकर आए थे। सोमवार शाम महिला की डिलीवरी के दौरान बच्चे की मौत हो गई और परिजनों ने लापरवाही के आरोप लगाते हुए हंगामा कर दिया। प्रसूता महिला की नंद राधा राठौर ने लेवर रूम स्टाफ पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि रात में बच्चे की स्थिति सामान्य बताई थी। दोपहर तक स्थिति ठीक बताई गई, लेकिन जब डिलीवरी का समय आया तो बच्चा फंसा होना बताया और उसे निकालने के लिए पेट को जोर जोर से दबाया गया, जिससे बच्चे की मौत हो गई। मृत बच्चा बाहर निकाला गया। यदि पहले बताया होता कि स्थिति ठीक नहीं है या सीजर करना पड़ेगा तो हम लोग नार्मल डिलीवरी नहीं कराते, सीजर करवाते या फिर कहीं और ले जाते। लापरवाही से बच्चे की मौत हुई है। उन्होंने बताया कि दो सोनोग्राफी कराई उसमें भी बच्चे की स्थिति ठीक बताई।
मुख्यमंत्री से करेंगे शिकायत
महिला के परिजनों का कहना है कि जिला में अस्पताल मरीजों की जान से खिलवाड़ हो रहा है। पहले भी यहां सीजर होने के बाद चार महिलाओं की मौत हो चुकी है। ग्रामीण अंचलों से लोग मजबूरी में यहां आते हैं, लेकिन उनके साथ अपशब्दों का प्रयोग किया जाता है। कुछ बोलने पर बाहर भगा दिया जाता है। बच्चे की मौत के मामले में वह मुख्यमंत्री के पास अपनी शिकायत भेजेंगे।
परिजनों ने बही बोला कि बच्चे को एसएनसीयू में रखा है अभी उसे कुछ नहीं बताया। जिला अस्पताल के आरएमओ डाक्टर मनीष संगतानी ने बताया आरोप गलत हैं। रात में बच्चे की हार्ट रेट ठीक थी, सुबह भी ठीक थी, दोपहर में डॉ. रवींद्र राउंड पर गए उस समय महिला अपने बेड पर नहीं मिली थी। महिला की डिलीवरी का समय हुआ तो बच्चे की हार्ट रेट बढ़ी हुई थी। बच्चा मृत पैदा हुआ था।