
मध्यप्रदेश के खंडवा में ओंकारेश्वर के बाद खरगोन की बड़वाह तहसील के अंतर्गत वन विभाग ने रेस्क्यू ऑपरेशन किया। तेंदुओं को पकड़ कर ओंकारेश्वर के जंगल में छोड़ा। तेंदुओं की गतिविधि से कई क्षेत्र के लोगों में दहशत बनी हुई है।
खंडवा जिले में ओंकारेश्वर के बाद खरगोन जिले की बड़वाह तहसील के अंतर्गत वन विभाग ने रेस्क्यू ऑपरेशन किया। साथ ही तेंदुओं को पकड़ कर ओंकारेश्वर के जंगल में छोड़ा। लगातार तेंदुओं की गतिविधि से पूर्व-पश्चिम निमाड़ के ओंकारेश्वर, बड़वाह, मर्दाना और बकावा क्षेत्र के लोगों में दहशत बनी हुई है।
बता दें कि ओंकारेश्वर क्षेत्र के ग्राम धावड़िया में घायल अवस्था में तेंदुआ मिला, जिसे इंदौर भेजा गया, जिसने रास्ते में दम तोड़ दिया। तेंदुए की मौत के बाद वन के खिलाफ वाइल्ड लाइफ से जुड़े लोगों ने मेनका गांधी को शिकायत किया कि समय पर अगर तेंदुए को वन विभाग इलाज उपलब्ध करवा देता तो उसकी जान बच जाती।
जब लोग लगातार शिकायत कर रहे थे कि ओंकारेश्वर क्षेत्र में तेंदुए दिखाई दे रहे हैं। वन विभाग ने क्यों नहीं उनका रेस्क्यू कराया? तेंदुए की मौत की जांच होना चाहिए कि आखिर वह किस तरह घायल हुआ, कहीं इसके पीछे कोई बहुत बड़ा जंगली जानवरों के शिकार करने वाला रैकेट तो नहीं है। वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी भी उसका वीडियो बनाते रहे, लोग उसके साथ सेल्फी खिंचवाते रहे।
खंडवा डीएफओ राकेश डमौर ने कहा कि सूचना के 20 मिनट बाद ही वन विभाग की टीम पहुंच गई थी। 15 साल से अधिक उम्र वाले तेंदुए की मौत हो चुकी थी। संभवत: उसकी मौत पैरालिसिस के कारण हुई है, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही मालूम पड़ेगा।
दहशत मचाने वाला तेंदुआ कैद हुआ वन विभाग के पिंजरे में
मध्यप्रदेश के बड़वाह ब्लॉक के ग्राम मर्दाना, बकावा एवं आसपास के ग्रामीण क्षेत्र में पिछले दो महीने से ज्यादा समय से तेंदुए की आहट से ग्रामीणजन भारी दहशत में थे। वन विभाग की टीम पिछले डेढ़ महीने से तेंदुए को रेस्क्यू करने की मशक्कत कर अलग-अलग जगह पर पिंजरे लगाकर तेंदुए को पकड़ने का प्रयास कर रही थी। पिछले तीन सप्ताह पूर्व भी यही तेंदुआ पिंजरा तोड़कर भाग निकला था।
सोमवार तड़के ग्राम मर्दाना के लोकेश पिता देवराम मंडलोई के खेत में लगाए गए पिंजरे मे तेंदुआ आ गया। सूचना मिलते ही खरगोन डीएफओ अनुराग तिवारी और एसडीओ विजय गुप्ता के नेतृत्व में वन परिक्षेत्र सनावद, बड़वाह की टीम जिला वाइल्ड लाइफ वार्डन टोनी शर्मा के मार्गदर्शन में तेंदुए को सुरक्षित रेस्क्यू कर जंगल मे छोड़ने हेतु तत्काल मौके पर पहुंची।
उसके बाद तेंदुए का सफलता पूर्वक स्वास्थ्य परीक्षण के बाद तेंदुए को घने जंगल में छोड़ने के लिए टीम रवाना हुई, जिसे बड़वाह, सिद्धवरकूट, ओंकारेश्वर और महोदरी क्षेत्र के प्राकृतिक आवास वाले घने वन में वन मंडल अधिकारी की उपस्थिति में छोड़ा गया। सनावद वन परिक्षेत्र अधिकारी राजेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि सोमवार को पिंजरे में कैद हुए तेंदुए की उम्र लगभग तीन साल है, जिसे सुरक्षित जंगल में छोड़ा गया है।