
मझौली
संजय टाईगर रिजर्व बफर क्षेत्र के ब्यौहारी रेंज के बीट मझौली में 5 सितम्बर गुरुवार को जंगल में बने कूप में बाघ का शव संदिग्ध पर स्थित में मिलने से विभाग में हड़कंप मच गया। सूत्रों के मुताबिक विभाग द्वारा ग्रामीणों के सहयोग से बाघ के शव को कूप से निकाल कर रात भर बड़काडोल में रखने के बाद सुबह जिले के आला अधिकारियों की उपस्थिति में शव परीक्षण किया गया। सूत्रों के मुताबिक 5 सितम्बर को दोपहर लगभग 2 बजे जंगल गस्त के दौरान चौकीदार द्वारा जंगल में बने एक पुराने कूप में बाघ का शव देखा गया तब विभाग को अवगत कराया गया। लगभग 3 बजे ग्रामीणों की मदद से उसके शव को बाहर निकाला गया।
करंट लगने से मौत होने की जता रहे आशंका
सूत्रों के मुताबिक बाघ के मौत को विभाग हत्या माना जा रहा है यही वजह है कि खोजी कुत्ता के सहारे आरोपियों तक पहुंचने की कार्यवाही शुरू की गई है जिसमें कुछ संदेहियों को कब्जे में लेकर पूछताछ की जा रही है। लेकिन मौत का वास्तविक कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही साबित होगा। हालांकि बाघ का दाह संस्कार कर दिया गया है लेकिन जिस तरह बाघों को मौत हो रही है यह गंभीर मामला हैसंदेहियो को लिया गया हिरासत मेंसूत्रों की माने तो संजय टाइगर द्वारा इस घटनाक्रम के आसपास के कुछ संदेहियों को विरासत में लेकर उनसे पूछताछ की प्रारंभ कर दी गई है समाचार पत्रों में छपी खबर के मुताबिक बताया गया कि संजय टाइगर रिजर्व के अमला द्वारा तीन संदिग्ध को हिरासत में लिया गया था जिसे एक को छोड़ दिया गया,वन समिति के सभापति ने अधिकारियों कर्मचारियों पर लगाए गंभीर आरोपवन समिति के सभापति एवं जिला पंचायत सदस्य कृष्णलाल पयासी, (छोटू) ने वन विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वन विभाग की घोर लापरवाही के चलते बाघ की मौत हुई है इसकी मौत होना संदिग्ध है इसके पहले भी कई मौते हो चुकी है केंद्र सरकार की तरफ से सुरक्षा व्यवस्था एवं भोजन के लिए काफी बजट मिलता है इसके बावजूद है
इनको भोजन पानी न मिलने के चलते बाघ अन्य जगह मूमेंट करते हैं पहले जनहानि हुआ करती थी अब बाघ हानि हो रही है इसके जिम्मेदार डीएफओ से लेकर सभी अधिकारी कर्मचारी हैं हम इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हैं आगे हम पत्राचार भी करेंगे ताकि उच्च स्तरीय जांच हो जो भी इसके दोसी कर्मचारी हैं उनपर कार्यवाही होनी चाहिए हम इसकी घोर निंदा करते हैं सारी व्यवस्था होने के बावजूद भी इस तरह बाघ की मौत होना गंभीर हैं उन्होंने आरोप लगाया कि वन विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों के लापरवाही चलते इतनी बड़ी घटना घटी है।