
देश का आठवां सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व

वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। यहां लगातार बढ़ती बाधों की संख्या और उसके बाद शुरू हुई सफारी को देखते हुए देश के बड़े-बड़े उद्योगपति टाइगर रिजर्व के आसपास जमीनों की तलाश करने लगे हैं। टाइगर रिजर्व उप संचालक कार्यालय के अनुसार टाटा, अंबानी जैसे बड़े समूह भी भविष्य को देखते हुए यहां होटल, रिसॉर्ट बनाने की प्लानिंग में हैं। रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव टाइगर रिजर्व को लेकर भी प्लानिंग की जा सकती है, लेकिन प्रशासन ने इस ओर अब तक ध्यान नहीं दिया है।ही वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व क्षेत्रफल की दृष्टि से प्रदेश का पहला तो देश का आठवां सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है। तीन जिलों सागर, दमोह व. नरसिंहपुर तक 2339 वर्ग किलोमीटर में फैले इस टाइगर रिजर्वमें बाघों के लिए 1414 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र संरक्षित कर कोर एरिया घोषित किया गया है। टाइगर रिजर्व की भौगालिक परिस्थितियां ऐसी हैं, जहां दक्षिण के पठार और विंध्य का

क्षेत्र होने से विशेष पारिस्थितिक तंत्र निर्मित होता है। यही कारण है कि यहां वर्ष 2018 में दो टाइगर छोड़े गए थे और पिछले 6 साल में इनकी संख्या बढ़कर 23 हो गई है।
फैक्ट फाइल■23 बाघ टाइगर रिजर्व में ■8वां देश का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व■3 जिलों में फैला टाइगर रिजर्व ■2339 वर्ग किलोमीटर है कुलक्षेत्रफल ■1414 वर्ग किलोमीटर सफारी क्षेत्र है।■925 वर्ग किलोमीटर का बफर जोन
बफर जोन ओपन होगाटाइगर रिजर्व प्रबंधन ने सफारी की शुरूआत तो पहले ही कर दी है। इसके बाद अब यहां बारिश के दौरान सैलानियों के लिए 925 वर्ग किलोमीटर का बफर जोन भी ओपन करने की तैयारी है, जिसमें लोग प्राकृतिक नजारों, झरने, वॉटरफाल आदि का लुत्फ ले सकेंगे, तो वहीं वन्यजीवों की अठखेलियां भी देख सकेंगे।
टाइगर रिजर्व में लगातार बाघों की संख्या बढ रही है। जल्द ही बफर जोन भी सैलानियों को ओपन किया जाएगा। टाइगर रिजर्व देश और प्रदेश के बीच में है, जहां जबलपुर, भोपाल, खजुराहो के अलावा महाराष्ट्र के नागपुर आदि से भी पर्यटकों का आना आसान है। हम सुविधाएं बढ़ाने को लेकर लगातार प्रयास कर रहे हैं। यह बात भी सामने आई है कि यहां बड़े उद्योगपति भी जमीन तलाश कर रहे हैं।