
रीवा में पिता ने अपने 4 साल के मासूम बेटे की जान ले ली। जबकि गंभीर हालत में 5 साल की बच्ची को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। आरोपी ने चारित्रिक संदेह में पत्नी समेत बच्चों पर रॉड और कुल्हाड़ी से हमला किया। पत्नी की हालत गंभीर है। हमले में बेटे के मौत हो गई। जबकि मां-बेटी की हालत नाजुक बनी हुई है। जिन्हें इलाज के लिए संजय गांधी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। डभौरा एसडीओपी रूपेंद्र धुर्वे,थाना प्रभारी डभौरा ऋषभ सिंह बघेल और थाना प्रभारी पनवार प्रवीण उपाध्याय भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। वारदात के बाद भाग रहे आरोपी को ग्रामीणों की मदद से घेराबंदी कर धर दबोचा। पूरी घटना डभौरा थाना क्षेत्र के छिपिया गांव में दरमियानी रात की है।
पत्नी पर चारित्रिक संदेह करता था आरोपी
पुलिस के मुताबिक आरोपी रामबली चर्मकार अपनी पत्नी सीमा चर्मकार पर चारित्रिक संदेह करता था। जिसे लेकर आए दिन घर में कलह की स्थिति बनी रहती थी। पति-पत्नी के बीच झगड़े होते थे। आरोपी चारित्रिक संदेह की वजह से पत्नी सीमा चर्मकार के साथ बुरी तरह मारपीट करता था। लेकिन लोक-लज्जा के भय से पत्नी ने कभी थाने में इसकी शिकायत नहीं की। शनिवार और रविवार की दरमियानी रात भी आरोपी सीमा से झगड़ा करने लगा। सीमा ने भी गुस्से में आकर उससे बहस कर ली। इसी बात पर आरोपी ने जानलेवा हमला कर दिया। आरोपी भागने की फिराक में था। लेकिन ग्रामीणों की सक्रियता और पुलिस के समय पर पहुंचने की वजह से भागने में कामयाब नहीं हुआ। एडिशनल एसपी विवेक लाल ने बताया कि हिरासत में लेकर कड़ी पूछ्ताछ की जा रही है। बच्ची और मां की हालत ठीक नहीं है। हर संभव प्रयास लगातार जारी हैं।
बीच-बचाव करने आए बच्चों पर हमला किया,एक की मौत
पति-पत्नी के बीच हंगामा बढ़ता देख बेटा रविंद्र चर्मकार (4) और बेटी रागिनी चर्मकार (6) बीच बचाव करने लगे। इतने में आरोपी ने गुस्से में बच्चों पर भी धारदार हथियार से हमला कर दिया। परिजनों के मुताबिक अगर पड़ोसी या कोई भी अन्य व्यक्ति घर में घूमने आ जाए तो रामबली को शक हो जाता था। इस बात को लेकर वो कई बार पत्नी सीमा से झगड़ा कर चुका था। सीमा ने उस व्यक्ति से दूरी भी बना ली थी। लेकिन रामबली लगातार उस पर शक करता रहा। जो हमले की वजह बन गया। 4 और 5 साल के मासूम बच्चे अपनी मां को बचाने गए और खुद ही पिता के हमले का शिकार हो गए।
जिंदगी-मौत के बीच जूझ रही मां बेटी
हमले में जहां 4 साल के मासूम रविंद्र की तड़प-तड़प कर मौत हो गई। वहीं मां-बेटी(सीमा-रागिनी) संजय गांधी अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही हैं। डॉक्टरों के मुताबिक मां की हालत थोड़ी स्थिर हुई है। लेकिन उसकी मासूम बेटी की हालत बेहद नाजुक बनी हुई है। जिसे अस्पताल के आईसीयू वार्ड में ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। डॉक्टर लगातार उसकी सेहत में सुधार लाने की कोशिश में लगे हुए हैं। आरोपी ने महिला समेत अपने दोनों बच्चों के सिर पर कुल्हाड़ी और लोहे की सबरी से वार किया। जिससे तीनों के सिर पर गंभीर चोट आई। 4 साल का मासूम रविंद्र गंभीर चोट को झेल नहीं पाया। जिससे उसकी मौत हो गई।
मामा बोला-मेरे भांजे को तड़पा-तड़पा कर मार दिया
सरोज चर्मकार ने बताया कि जीजा रामबली पहले भी अक्सर मेरी बहन के साथ मारपीट करता रहता था। बहन पूरा दिन घर में रहकर अपने बच्चों की देखभाल करती थी। इसके बाद भी आरोपी उस पर चारित्रिक शक करता था। कई बार मारपीट से तंग आकर मेरी बहन अपनी मायके चली आई। काफी दिनों तक मायके में रह भी गई। लेकिन फिर मैंने ही समझाया था कि घबराओ मत सब कुछ ठीक हो जाएगा। आखिरकार शादी के बाद तुम्हारा घर तो वही है। तुम डरो मत वह तुम्हें जान से थोड़ी मार देगा। लेकिन मैं गलत था, मेरी बहन बिल्कुल सही कह रही थी। आरोपी ने तीनों पर जानलेवा हमला किया। हैवान ने 4 साल के भांजे को तड़पा-तड़पा कर मार दिया। मेरी बहन और मेरी भांजी जीवन और मौत के बीच जूझ रही हैं।
ननद बोली-लाठी-डंडे से रोज मारता था
रानी वर्मा ने बताया कि मैं सीमा चर्मकार की ननद हूं। मेरा भाई आए दिन भाभी पर शक करता था। बच्चा,जवान या फिर कोई बूढ़ा व्यक्ति कोई भी घर आ जाए। उसे संदेह हो जाता था कि वह व्यक्ति सीमा से ही मिलने आया होगा। उसे शक करने की बीमारी हो गई थी। पहले भी वह भाभी के साथ कई बार मारपीट कर चुका था। लात,घूसे और डंडे से भाभी की पिटाई करता था। घर में मारपीट और कलह का माहौल निर्मित रहता था। हमें भी यह सब बहुत खराब लगता था। लेकिन ये भी लगता था कि कभी ना कभी भाई जरूर समझेगा। लेकिन उसने दरमियानी रात भाभी और बच्चों के सिर पर धारदार हथियार से हमला किया। घटना में मेरे भतीजे की मौत हो गई। अब मैं भी चाहती हूं कि इतनी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए मेरे भाई को कड़ी से कड़ी सजा मिले।