
बीना सीएमओ रामप्रकाश जगनेरिया ने गणेश उत्सव के दौरान अंडा और मीट की बिक्री पर रोक लगा दी थी। इस दौरान दुकानदारों को नुकसान उठाना पड़ा था। इसके चलते व्यापारी वीरेंद्र अजवानी ने नपा द्वारा जारी इस नोटिफिकेशन के खिलाफ जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की बेंच ने मामले पर सुनवाई करते हुए सीएस, डीएम और सीएमओ को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इस मामले में न्यायालय 22 अक्टूबर को अगली सुनवाई करेगा।
यह था पूरा मामला
याचिकाकर्ता वीरेंद्र अजवानी ने 13 सितंबर को हाईकोर्ट में अपने अधिवक्ता तनिष्का अजवानी जग्गी के माध्यम से याचिका दायर की थी। जिसमें उल्लेख किया गया है कि गणेश उत्सव पर सीएमओ ने 7 सितंबर को अंडा-मीट की बिक्री पर रोक लगा दी थी। याचिकाकर्ता ने सीएमओ से नियम पूछा तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया गया, इसके चलते उन्होंने न्यायालय की शरण ली। मामले पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने प्रदेश के मुख्य सचिव, सागर कलेक्टर और चीफ म्युनिसिपल ऑफिसर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने पूछा है कि किस नियम के तहत गणेश उत्सव के दौरान बीना में अंडा-मीट की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया था।
मूलभूत अधिकारों का हनन है
याचिका में कहा गया है कि सीएमओ ने अंडा-मीट की बिक्री पर रोक लागने नोटिफिकेशन जारी किया था। आदेश का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई थी। कार्रवाई के डर से व्यापारियों ने अपनी दुकानें बंद रखीं,जिससे उनका व्यापार प्रभावित हुआ।नोटिफिकेशन से आहत याचिकाकर्ता कहा कि नोटिफिकेशन में यह नहीं लिखा है कि किस नियम के तहत यह प्रतिबंध लगाया जा रहा है।इस तरह का फरमान जारी करना और पालन नहीं करने पर कार्रवाई की चेतावनी देना मूलभूत अधिकारों का हनन है।
नोटिस मिलने के बाद मैं जवाब प्रस्तुत करुंगा
इस मामले में सीएमओ रामप्रकाश जगनेरिया ने बताया कि मैंने वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश और आम जनता की भावनाओं को देखते हुए रोक लगाई थी। मुझे अभी न्यायालय से नोटिस नहीं मिला है,नोटिस मिलने के बाद मैं जवाब प्रस्तुत करुंगा।