
सागर में रानी दुर्गावती टाइगर रिवर्ज के दायरे में आ रहे ग्राम पटना मुहली को विस्थापित किया जा रहा है। आगामी दो महीने में इस गांव को खाली कराया जाएगा। इससे पहले पूर्व मंत्री और रहली से विधायक गोपाल भार्गव ने दीपावली त्योहार के चलते ग्राम पटना मुहली में गोवर्धन पूजा और दीपावली मिलन समारोह का कार्यक्रम आयोजित किया। यह कार्यक्रम इस गांव का संभवत: आखिरी होगा। क्योंकि विस्थापन के बाद गांव खाली हो जाएगा। लोग अपने-अपने स्थानों पर विस्थापित हो जाएंगे।
कार्यक्रम में पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव ने संबोधित करते हुए कहा कि इस गांव से मेरा बहुत पुराना रिश्ता है। मैं जब पहली बार विधायक बना था। तब मैं यहां आया था। मैंने देखा है कि इस गांव के लोग कैसे मुफ्लिसी में जीते थे। यहां के लोग इतने भोले हैं कि उन्हें उस समय वोट डालना भी नहीं आता था। वे पूछते थे कि वोट डालना कैसे है। विस्थापन को लेकर उन्होंने कहा कि मैंने अपने स्तर पर बहुत प्रयास किए। लेकिन नियम और कानून के चलते गांव को विस्थापित होने से नहीं बचा पाया। संबोधन के दौरान पूर्व मंत्री भार्गव भावुक हुए और चल उड़ जा रे पंक्षी कि अब ये देश हुआ बेगाना…गीत गुनगुनाया।
मुलायम सिंह मेरे दोस्त थे, फोन पर भेजी थी मदद
उन्होंने कहा कि इस गांव का नाम सामने आते ही कई पुराने किस्से और घटनाएं याद आ जाती हैं। बहुत पहले गांव के सरपंच लखन यादव थे। वे गांव वालों के साथ गयाजी पिंडदान करने गए थे। चित्रकूट में मोटर की छत से सामान उठाते समय ऊपर से निकले करंट की चपेट में आने से मौत हुई थी। उस समय चित्रकूट उत्तरप्रदेश में आता था। उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह मेरे मित्र थे।
अभी उनके बेटे अखिलेश यादव भी मेरे मित्र हैं। उस समय मैंने मुलायम सिंह यादव से फोन पर बात की और घटना बताई। गाड़ी की व्यवस्था कराने की बात कही। इस पर उन्होंने चित्रकूट से गाड़ियों की व्यवस्था कर गांव तक भेजी। साथ ही मृतक परिवार को अपने फंड से 5-5 लाख रुपए सहायता राशि भी दी थी। ऐसी दर्जनों यादें हैं। स्मृतियां कभी पीछा नहीं छोड़ती हैं। याद आती है तो मन पीड़ा से भर जाता है।
दो माह में गांव करना होगा खाली
उन्होंने कहा कि ग्राम पटना मुहली टाइगर रिजर्व के विस्थापित गांव में शामिल है। आगामी दो माह में इस गांव को खाली करना होगा। यह गांव मेरी विधानसभा क्षेत्र का आखिरी गांव है। यह दीपावली इस गांव में आखिरी हो सकती है। इसलिए यहां कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया। कार्यक्रम के बाद पूर्व मंत्री भार्गव ने विस्थापितों से चर्चा कर उनकी समस्याएं जानी। क्लेम समेत अन्य समस्याओं पर अधिकारियों से चर्चा कर निराकरण कराने का आश्वासन दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि वह कहीं भी रहें, प्रेम से रहें। उनकी हर जरूरत को पूरा कराने की कोशिश करूंगा।