
दमोह जिले के भैंसा गांव में नौरादेही अभ्यारण्य के नियमों से ग्रामीणों का निकासी मार्ग बंद हो गया, जिससे महिलाओं और वन विभाग के बीच विवाद हुआ। ग्रामीणों ने रास्ता खोलने की मांग की है। पुलिस ने हस्तक्षेप कर मामला शांत कराया। समाधान के लिए वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा जारी है।
दमोह जिले के तेंदूखेड़ा ब्लॉक के भैंसा गांव में नौरादेही अभ्यारण्य के नियमों को लेकर ग्रामीण और वन विभाग आमने-सामने आ गए। शुक्रवार को महिलाओं और वन विभाग के कर्मचारियों के बीच विवाद की स्थिति बन गई, जिसे पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शांत कराया।
दरअसल, सड़क किनारे वन विभाग ने खकरी का निर्माण कराया है, जिससे ग्रामीणों का मुख्य मार्ग बंद हो गया है। भैंसा गांव के लोग इसी मार्ग से आवागमन करते थे, लेकिन अब इसे बंद कर दिया गया है। महिलाओं ने कई बार रास्ता खोलने की मांग की, पर सुनवाई न होने पर उन्होंने स्वयं खकरी हटानी शुरू कर दी।
निकासी को लेकर विवाद
ग्रामीणों का कहना है कि सड़क किनारे लगाए गए खकरी से उनकी निकासी बाधित हो रही है। पूर्व में वन विभाग ने चार फुट चौड़ा रास्ता खोला था, लेकिन अब इसे भी बंद कर दिया गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग उन्हें परेशान कर रहा है और उनके आवागमन के मूलभूत अधिकारों का हनन कर रहा है।
महिलाओं का विरोध
हाल ही में खकरी पर से गुजरते समय एक महिला गिरकर घायल हो गई थी, जिससे उसका हाथ टूट गया। इसके बाद महिलाओं ने रेंज कार्यालय जाकर धरना दिया और कोई उचित आश्वासन न मिलने पर खकरी के पत्थर हटा दिए। इस पर वन विभाग ने आपत्ति जताई, जिससे विवाद बढ़ गया।
चार फीट के रास्ते की मांग
महिलाओं का कहना है कि यदि खकरी सभी गांवों में लगाई जा रही है, तो उन्हें भी आवागमन का रास्ता दिया जाए। सर्रा रेंजर बलविंदर सिंह ने बताया कि यह मामला वरिष्ठ अधिकारियों के निर्णय से ही सुलझ सकता है। ग्रामीणों की एकमात्र मांग है कि उनके लिए चार फुट चौड़ा रास्ता खोला जाए, ताकि उनका आवागमन सुचारू हो सके।