
परिजनों का आरोप है कि जब घटना हुई तब कोई भी मेडिकल स्टाफ वार्ड के अंदर मौजूद नहीं था। परिवार वाले सो रहे थे। घटना की जानकारी मिलने पर परिवार के सदस्य जागे और मरीज की जान बचाई। ऑक्सीजन मास्क के कारण महिला का चेहरा और हाथ बुरी तरह जल चुके थे।
जोधपुर संभाग के सबसे बड़े मथुरादास माथुर अस्पताल में रविवार देर रात एक्यूट केयर वार्ड में आग लगने से 30 वर्षीय महिला बुरी तरह से झुलस गई। महिला का नाम इंद्रा और पति का नाम कैलाश बताया जा रहा है, जो जोधपुर के जैतारण गांव के निवासी हैं। इंद्रा इसी महीने की 6 तारीख से अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती थी। घटना रात करीब 2:00 बजे की बताई जा रही है। महिला 30 फीसदी तक झुलस गई, उसका चेहरा भी आग की चपेट में आ गया।
परिजनों का आरोप है कि जब घटना हुई तब कोई भी मेडिकल स्टाफ वार्ड के अंदर मौजूद नहीं था। परिवार वाले सो रहे थे। घटना की जानकारी मिलने पर परिवार के सदस्य जागे और मरीज की जान बचाई। हालांकि, तब तक चेहरे पर लगे ऑक्सीजन मास्क के कारण महिला का चेहरा और हाथ बुरी तरह जल चुके थे।
मथुरा दास माथुर अस्पताल प्रशासन की लापरवाही सामने आई है। अस्पताल के अधीक्षक नवीन किशोरिया ने बताया कि मरीज एक्यूट केयर वार्ड में भर्ती थी और ऑक्सीजन पर थी। महिला अपनी खराब स्थिति के कारण खुद को बचा नहीं पाई। साथ ही, उसके परिजन भी समझदारी से काम नहीं ले पाए। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि किसी के वार्ड में बीड़ी पीने के कारण यह हादसा हुआ। महिला के बेड के पास बीड़ी और तीलियां पड़ी मिली हैं। माना जा रहा है कि इसी के कारण आग लग गई और महिला झुलस गई। स्टाफ का कहना है कि मरीज के परिजनों ने बीड़ी पी है, परिजन अटेंडेंट पर आरोप लगा रहे हैं। फिलहाल, प्रशासन ने एक कमेटी का गठन किया है और पूरे मामले की जांच की जा रही है। अस्पताल के अधीक्षक ने कहा कि यदि जांच में कोई दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।