
दमोह के तहसील मैदान में 14 नवंबर से संचालित स्वदेशी मेला विवादों में आ गया है। रविवार शाम मेले में दुकान लगाने वाले बाहर के कुछ समुदाय विशेष के व्यापारियों ने यह आरोप लगाया कि उन्हें यहां से हटाया जा रहा है। हालांकि सोमवार दोपहर आयोजकों ने साफ किया कि किसी वर्ग विशेष को टारगेट नहीं किया गया है। वेंडर के माध्यम से जो व्यापारी यहां दुकान लेकर आए थे। वेंडर ही उन्हें दूसरी मेले में शिफ्ट कर रहा है।
आगरा से दुकान लेकर पहुंचे मोहम्मद राशिद ने बताया कि उन्हें मेले में बुलाया गया था। वह 5 दिन पहले यहां आ गए थे। तीन-चार दिन से वह अपनी दुकानें लगा रहे थे। उन्हें किसी ने कुछ नहीं कहा। रविवार शाम अचानक आयोजन समिति के कुछ लोग आए। कहने लगे कि यहां समुदाय विशेष के लोगों को दुकान लगाने की अनुमति नहीं है। वह अपनी दुकान समेटकर चले जाएं। राशिद ने बताया कि करीब 8 से 10 दुकानदारों को यहां से हटाया गया है। हालांकि दुकानदारों ने लिखित रूप से कहीं कोई शिकायत नहीं की।
कलेक्टर बोले- मेरे पास लिखित शिकायत नहीं आई
मामले में कलेक्टर सुधीर कोचर का कहना है कि उनके पास कोई लिखित शिकायत नहीं आई है। स्वदेशी मेला संस्था मेले का आयोजन कर रही है। इसमें उन्हें किससे दुकान संचालित कराना है, किससे नहीं, यह उनका फैसला है, लेकिन यदि बात मेरे पास तक पहुंची तो मैं इस मामले की जांच करा लूंगा।
आयोजक बोले- वेंडर ने दुकानदारों को शिफ्ट किया है
वहीं मेले के सहसंयोजक श्रीराम पटेल का कहना है कि मेले में इस तरह की कोई बात नहीं हुई है। मेला आयोजकों ने किसी को भी नहीं हटाया है। यहां मेले में जो दुकान आई थी। वह वेंडर के माध्यम से आई थी। मुझे पता चला है कि किसी वेंडर ने ही उन दुकानदारों को किसी दूसरे मेले में शिफ्ट किया है। यह उनकी व्यक्तिगत स्वतंत्रता है, जिसमें हम कुछ नहीं बोल सकते, लेकिन मेला आयोजकों ने ऐसी कोई बात किसी दुकानदार से नहीं कही।