
यादव ने कहा कि अब तकनीकी दक्षता का समय है।इसकी कीमत और यश हमें मिलेगा। कागज की डिग्री किताबी ज्ञान है,लेकिन शिक्षा के बाद मनन और चिंतन की तरफ न जाए तो शिक्षा बेकार है। कई देश शिक्षा देते है,लेकिन जीवन मूल्य और संस्कार भी मायने रखते है।
इंदौर में गुरुवार को सिम्बायोसिस विश्व विद्यालय के दीक्षांत समारोह में मुख्यमंत्री मोहन यादव शामिल हुए। इस मौके पर उन्होंने कहा कि आज के इस दौर में तकनीकी दक्षता मायने रखती है।
कोविड महामारी की चुनौतियों के समय भारत ने अपनी उपयोगिता साबित की,तब देश का तकनीकी कौशल भी काम आया। करोड़ों लोगों को टीका लगाना आसान नहीं था। भारत का जो सम्मान देश दुनिया में बढ़ा है। उसके पीछे देश का युवा भी है, जो तकनीकी शिक्षा का उपयोग देश के लिए कर रहा है।
यादव ने कहा कि अब तकनीकी दक्षता का समय है।इसकी कीमत और यश हमें मिलेगा। कागज की डिग्री किताबी ज्ञान है,लेकिन शिक्षा के बाद मनन और चिंतन की तरफ न जाए तो शिक्षा बेकार है। कई देश शिक्षा देते है,लेकिन जीवन मूल्य और संस्कार भी मायने रखते है। शिक्षा के साथ युवा देश की अच्छाई और सच्चाई को भी साथ रखे। कौरव और पांडव दोनो दक्ष थे, लेकिन कौरवों का उद्देश्य गलत था, इसलिए उन्हें हार का सामना करना पड़ा। मेरिट से बढ़कर हमारे देश में जीवन मूल्यों का ज्यादा महत्व है।
इजराइल तकनीकी दक्षता के कारण दूसरे देशों पर भारी
मुख्यमंत्री ने इजराइल देश का उदाहरण देते हुए कहा कि देश की आबादी एक करोड़ है, लेकिन वह सारी चुनौतियों का सामना तकनीकी दक्षता के दम पर करता है। आसपास के देशों पर वह भारी पड़ता है। हमारे देश में एक बीघा में छह क्विंटल सोयाबीन होती है। इजराइल में 30 क्विंटल फसल ली जाती है, जबकि वहां बारिश कम होती है।
सिम्बायोसिस फाउंडेशन की उपाध्यक्ष स्वाती मजूमदार ने कहा कि इंदौर में हमने अपने संस्थान में रोजगार देने वाले कोर्सेस पर जोर दिया है। हमने मेक इन इंडिया के नारे को आत्मसात किया है। हमारे संस्थान से निकली प्रतिभाएं देश की उन्नति में योगदान दे रही है,ताकि हमारा देश आत्मनिर्भर बन सके।