
सागर में चिटफंड मामले में दोगुनी राशि करने का लालच देकर पैसे हड़पने वाले आरोपी को अदालत ने सजा सुनाई है। प्रकरण की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश प्रशांत सक्सेना की कोर्ट में हुई। न्यायालय ने सुनवाई करते हुए मामले के आरोपी लक्ष्मी नारायण पिता लख्खूराम नामदेव उम्र 50 साल निवासी गुना को दोषी करार देते हुए 5-5 साल के सश्रम कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई है। प्रकरण के चार आरोपी फरार हैं। मामले की पैरवी अपर लोक अभियोजक दीपक कुमार जैन ने की।
जिला अभियोजन के मीडिया प्रभारी ने बताया कि वर्ष 2011 में राहतगढ़ निवासी मोहम्मद हारून पिता नूर मोहम्मद कसाई ने शिकायत की थी। शिकायत में बताया कि परिचित लक्ष्मीनाराण नामदेव निवासी भोगीराम कालोनी घोषीपुरा गुना ने उससे मुलाकात की। मोहम्मद हारून राहतगढ़ में रहकर बीड़ी बनाने का काम करता था।
लक्ष्मीनारायण नामदेव स्वयं को बीड़ी श्रमिकों का नेता बताता था। 31 दिसंबर 2011 को लक्ष्मीनारायण ने हारून से संपर्क किया और उसे बताया कि जी लाइफ डेवलपर्स एण्ड कालोनाईजर्स प्राईवेट लिमिटेड और उसकी सहयोगी कंपनी कनवे रियलिटी सॉल्यूशन प्राईवेट लिमिटेड के अधिकारी गिर्राज पुत्र अनंदीलाल पांडे निवासी पचौर, सपन सक्सेना निवासी प्रताप छात्रावास के पास के पास गुना, दीपक पिता राधेश्याम शर्मा निवासी सारंगपुर, टीम लीडर अरविंद ने उसे कंपनी में डायरेक्टर नियुक्त किया है। उसने बताया कि कंपनी में कोई व्यक्ति 500 रुपए प्रतिमाह 5 साल तक जमा करता है तो उसे 5 साल बाद डेढ़ गुना पैसा मिलेगा। लालच में आकर फरियादी ने कंपनी में पैसे जमा किए। त्रि-वार्षिक व वार्षिक जमा राशि पालिसी और अन्य प्रकार की स्कीम बताकर योजनाबद्ध तरीके से उनसे लाखों रुपए का निवेश करवाया।
पैसे लेने गए तो ऑफिस बंद कर भाग गए थे आरोपी
जब मैच्योरिटी का समय हुआ और हारून समेत अन्य फरियादी ने कंपनी के डायरेक्टर व टीम लीडर से संपर्क किया तो उन्होंने ओरिजिनल दस्तावेज व बैंक ऑफ इंडिया की चेक प्रदान किए, उन चैकों को फरियादी पक्ष ने भुगतान के लिए बैंक खाते में लगाया तो उक्त खाते में पर्याप्त राशि नहीं थी। फरियादी ने गुना जाकर देखा तो आरोपी कार्यालय बंद कर भाग गए थे। मामले में शिकायत की।
शिकायत पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच में लिया। जांच पूरी होने पर चालान न्यायालय में पेश किया। कोर्ट ने प्रकरण में सुनवाई शुरू की। अभियोजन ने मामले से जुड़े साक्ष्य व दस्तावेज कोर्ट में पेश किए। फरियादियों की गवाही कराई। न्यायालय ने साक्ष्यों के आधार पर धोखाधड़ी करने वाले आरोपी लक्ष्मी नारायण नामदेव को पांच साल की सजा सुनाई है। मामले के शेष चार आरोपी फरार हैं।