
जिला अदालत में 25 पुराने प्रकरणों के निराकरण की अनिवार्यता के विरोध में मार्च 2023 में स्टेट बार काउंसिल ऑफ़ मध्य प्रदेश के आह्वान पर जबलपुर सहित समूचे प्रदेश के वकील हड़ताल पर चले गए थे। जिसके चलते काफी दिनों तक सुनवाई टली रही, इस मामले पर हाई कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका दायर कर सुनवाई शुरू की।
प्रारंभिक सुनवाई के दौरान वकीलों को तुरंत काम पर वापस लौटने के निर्देश दिए गए, इसके साथ ही वकीलों पर अवमानना की कार्यवाही भी की गई।
मामले पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें स्टेट बार की ओर से हलफनामा पेश कर स्टेट बार के पदाधिकारी और सभी अधिवक्ता संघ के पदाधिकारी के खिलाफ शुरू की गई थी। अवमानना की कार्रवाई वापस लेने का हाई कोर्ट से अनुरोध भी किया गया। अधिवक्ता संघ की ओर से संजय वर्मा और अवमाननाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संजय अग्रवाल, उदयन तिवारी, राकेश द्विवेदी ने मामले पर हाईकोर्ट में पैरवी की।
चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत एवं जस्टिस विवेक जैन की डिवीजन बेंच ने प्रदेश के सभी वकीलों को बड़ी राहत देते हुए उनके खिलाफ चल रहे और अवमानना की कार्यवाही को समाप्त कर दिया हैं। स्टेट बार काउंसिल के अध्यक्ष राधे लाल गुप्ता व वाइस चेयरमैन आरके सिंह सैनी ने मार्च 2023 में हुई हड़ताल की जिम्मेदारी ली और हाई कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगी।
हाई कोर्ट ने माफी स्वीकार करते हुए स्टेट बार काउंसिल अधिवक्ता संघ और वकीलों को अवमानना से बरी कर दिया हैं। यह मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा था लेकिन स्टेट बार ने वहां से याचिका वापस ले ली थी।