
जबलपुर में समर्थन मूल्य पर खरीदा गया लाखों क्विंटल अनाज अब अनुपयोगी हो गया है, हैरानी की बात ये है की मात्र तीन वर्षों में ही कुछ वेयर हाउस में रखा गेहूं खराब हो गया हैं।जिले में 17 हजार मीट्रिक टन अन्न बेकार हुआ है, जिसमें गेहूं 1.10 लाख क्विंटल है। मामले में वेयर हाउस संचालकों को नोटिस भी जारी किए गए हैं।
पशु आहार और शराब में उपयोग होगा खराब अनाज इस अनाज का पशु आहार, मुर्गी दाना व शराब के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। इसमें गेहूं के साथ ज्वार, बाजरा और मक्का शामिल हैं। इस खराब धान से शासन को राजस्व का नुकसान हुआ हैं।
वेयर हाउसिंग लॉजिस्टिक कार्पोरेशन के जिला प्रबंधक एस आर निमोदा ने बताया कि-
‘जिले में लगभग 17 हजार मीट्रिक टन अनाज सड़ गया, मामले में उनका किराया रोक लिया है। लेकिन फिलहाल किसी भी वेयर हाउस संचालक पर एफआईआर दर्ज नहीं की गई हैं।
देखरेख के बाद भी कैसे खराब हुआ अनाज
अनाज को रखने के बाद उसकी लगातार मॉनिटरिंग की जाती है एवं समय-समय पर दवा का छिड़काव भी किया जाता है। बावजूद इसके इतनी बड़ी मात्रा में अनाज के खराब होने पर सवालिया निशान लग रहे हैं।
जबलपुर में 17 हजार मीट्रिक टन अनाज खराब
वर्ष 2018-19 से लेकर वर्ष 23-24 में भी खरीदा अनाज खराब हो गया है। जिले में इन वर्षों में 17 हजार मीट्रिक टन गेहूं खराब हो गया है। वर्ष 2023-24 में हुई समर्थन मूल्य पर खरीदी का 950 मीट्रिक टन गेहूं भी खराब हो गया। फिलहाल इसकी डीसीसी के लिए नागरिक आपूर्ति निगम एवं मध्यप्रदेश वेयर हाउसिंग लॉजिस्टिक कार्पोरेशन द्वारा मुख्यालय को जानकारी भेज दी है।