
ग्वालियर से बस में बैठकर सागर पहुंची 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला गुम हो गई। परिवार के लोगों ने उन्हें तलाशा, लेकिन कहीं नहीं मिली। जिसपर उन्होंने पुलिस को सूचना दी। इसके बाद पुलिस कंट्रोल रूम की टीम बुजुर्ग महिला की तलाश में जुट गई।
टीम ने लगातार शहर में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले। फोटो सोशल मीडिया पर वायरल की। इसी बीच मोतीनगर थाना क्षेत्र के एक मंदिर में बुजुर्ग महिला बैठी मिली। जिन्हें पुलिस अपने साथ कंट्रोल रूम लाई और परिवार वालों को सौंप दिया। करीब 36 घंटों तक बुजुर्ग महिला शहर में ही घूमती रहीं।
जानकारी के अनुसार, शनिवार को किशन बाथम ने पुलिस कंट्रोल रूम में पहुंचकर उप निरीक्षक आरकेएस चौहान को बताया कि मेरी बुजुर्ग मां ग्वालियर से 21 नवंबर को बस में बैठकर 22 नवंबर की सुबह सागर आई थी। लेकिन घर नहीं पहुंची हैं।
सुबह से ही उन्हें तलाश कर रहे हैं। लेकिन मिल नहीं रही हैं। मां सुधबुध भूल गई हैं और कभी-कभी उनको कुछ भी याद नहीं रहता है। शिकायत पर एसआई चौहान ने कंट्रोल रूम की टीम को बुजुर्ग महिला की तलाश में लगाया।
मोतीनगर में मंदिर में बैठी मिली महिला
शहर में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले। पुलिस ने सबसे पहले बुजुर्ग महिला के सागर पहुंचने की पुष्टि करने बस स्टैंड के पास लगे कैमरों के फुटेज देखे। जिसमें बुजुर्ग महिला 22 नवंबर की सुबह बस स्टैंड के पास कृष्णगंज चौराहे पर सामान लिए बैठी दिखाई दी। लेकिन इसके बाद वह किसी भी कैमरे में नजर नहीं आई।
जिसके बाद पुलिस ने सोशल मीडिया पर फोटो वायरल की और लोगों से मदद मांगी। शहर की थाना पुलिस को फोटो भेजकर बुजुर्ग महिला की तलाश शुरू कराई। तभी शनिवार शाम मोतीनगर थाना क्षेत्र में स्थित मंदिर में बुजुर्ग महिला बैठी हुई मिलीं।
मोतीनगर थाने में पदस्थ आरक्षक सत्येंद्र ने उनकी पहचान की और उन्हें कंट्रोल रूम लेकर पहुंचे। जहां उनके बेटे किशन बाथम ने पहचान की। जिसके बाद बुजुर्ग महिला को बेटे के हवाले कर दिया गया।
लगा था मां अब नहीं मिलेंगी
किशन बाथम ने बताया कि एक दिन से लगातार मां को खोज रहे थे। लेकिन कहीं कुछ पता नहीं चल रहा था। लग रहा था कि मां अब नहीं मिलेंगी। लेकिन पुलिस ने कई घंटों तक खोजबीन कर मां को तलाश दिया। उन्होंने पुलिस का आभार माना और मां को साथ लेकर घर रवाना हो गए।
बुजुर्ग महिला को तलाशने वाली टीम में उप निरीक्षक आर के एस चौहान, महिला प्रधान आरक्षक रेखा रजक, महिला प्रधान आरक्षक अंजुम बानो, थाना मोतीनगर के आरक्षक सत्येंद्र सिंह राजपूत और डायल 100 चालक रोहित रजक शामिल थे।