
डॉ हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर के संस्थापक और महान दानवीर डॉ. हरीसिंह गौर के 155वें जन्म दिन के अवसर पर भारतीय विश्वविद्यालय संघ नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में मध्य क्षेत्र अंतर विश्वविद्यालयीन युवा उत्सव का आयोजन किया गया है। जिसमें प्रदेश समेत अन्य प्रदेशों के विश्वविद्यालयों के 955 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया है। युवा उत्सव के चलते विश्वविद्यालय के गौर प्रांगण में फोक ऑर्केस्ट्रा प्रतियोगिता आयोजित की गई। जिसमें डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय ने बुंदेलखंड के लोक धुन वाद्ययंत्रों नगाड़ा, बांसुरी, तबला आदि से सुसज्जित प्रस्तुति दी। इस प्रतियोगिता में भारतीय सांस्कृतिक विरासत की झलक मिली।
भारतीय परंपरा को प्रदर्शित करते हुए कई लोक वाद्य यंत्र के प्रयोग देखने को मिले। विश्वविद्यालय के आचार्य शंकर भवन में कोलॉज प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को 2 घंटे का समय दिया गया। जिसमें उन्हें अखबार की कतरनों और वेस्ट कागज से कोई सुसज्जित पोर्ट्रेट बनानी थी। राजा मान सिंह तोमर विश्वविद्यालय ग्वालियर ने भगत सिंह का चित्रण किया। नरेंद्रदेव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने एक समुद्र के किनारे का दृश्य बनाया।
निर्णायक के रूप में सुमन कुमार सिंह, डॉ. सृष्टि शास्त्री, डॉ प्रीत कोहली उपस्थित रहे। स्वर्ण जयंती सभागार में मिमिक्री प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। जिसमें इंदौर समेत सागर के कलाकारों ने अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित किया। बदलते मानवीय संबंध, लैंगिक भेदभाव, अपराध और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को रेखांकित किया कलाकारों ने सोशल मीडिया पर रील्स बनाने वालों पर व्यंग किया विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयंती सभागार में स्किट प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। इस प्रतियोगिता में 16 प्रस्तुतियां हुईं।
एक वेश्या की बेटी को शिक्षा दिलाने के लिए संघर्ष का चित्रण
विभिन्न विश्वविद्यालयों ने सामाजिक मुद्दों पर हास्य प्रस्तुति दी गईं। एकेएस विश्वविद्यालय सतना ने भ्रष्टाचार पर तंज किया। देवी अहिल्याबाई विश्वविद्यालय इंदौर ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म इंस्टाग्राम रील्स बनाने और देखने वालों पर हास्य के साथ व्यंग किया। जागरण लेक सिटी भोपाल ने एक वेश्या की बेटी को शिक्षा दिलाने के लिए संघर्ष का चित्रण किया। बरकतुल्ला विश्वविद्यालय भोपाल ने शिक्षा, बेरोजगारी और महिलाओं पर हो रहे अत्याचार जैसे मुद्दों पर सरकारों और मीडिया के तौर तरीकों पर व्यंग्य किया।
इसके अलावा स्वच्छता अभियान, महिलाओं और बच्चियों के साथ हो रहे अपराध व भेदभाव, बदलते मानवीय सम्बन्ध, मां की ममता और स्नेह, जंगल की सियासत और राजनैतिक हथकंडे, सरकारी विभागों के कार्यों के ढुलमुल तरीके इत्यादि विषयों को प्रतिभागियों ने केंद्र में रखा। निर्णायक मंडल में मोहन कांत, राजीव राठौर और श्रीदयाल थे।
मूक अभिनय से किया सामाजिक मुद्दों और मानवीय संवेदनाओं का चित्रण
विश्वविद्यालय के स्वर्ण जयंती सभागार में मूक अभिनय का आकर्षक प्रदर्शन देखने को मिला। विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्रों ने माइम के माध्यम से अपनी भावनाओं और संदेशों को सिर्फ हाव-भाव, शारीरिक हरकतों और चेहरे के भावों के जरिए प्रस्तुत किया। यह प्रदर्शन दर्शकों के लिए विशेष रूप से रोमांचक और यादगार बना। बिना शब्दों के केवल शरीर की भाषा और चेहरे के उतार-चढ़ाव के जरिए छात्रों ने समाजिक मुद्दों, मानवीय भावनाओं और जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रभावशाली तरीके से चित्रित किया।
इस प्रतियोगिता में 13 विश्वविद्यालयों ने प्रतिभागिता की। शनिवार को विश्वविद्यालय के गौर प्रांगण में युवा उत्सव का समापन समारोह आयोजित किया जाएगा। जिसमें सभी विधाओं के विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कार, मेडल और स्मृति चिन्ह प्रदान किए जाएंगे।

