
पाटन तहसील के ग्राम कोनी कला से लगे जंगल में गाय तलाश करने गए दो सगे भाइयों पर भालू ने हमला कर दिया। इस घटना में एक युवक को गंभीर चोट आई है, जबकि दूसरे ने जंगल से भाग कर अपनी जान बचाई। घटना सोमवार करीब सुबह 9 बजे की है, जब दिलीप चक्रवर्ती (34) अपने भाई मिठाई लाल के साथ जंगल गया था। उस दौरान भालू ने अचानक ही उस पर हमला कर दिया। दिलीप के पैर और कमर में गंभीर चोट आई हैं।
घटना के बाद जंगल से भागकर तुरंत ही गांव के लोगों को सूचना दी। बड़ी संख्या में ग्रामीण जंगल पहुंचे और घायल दिलीप को इलाज के लिए पाटन स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करवाया। बताया जा रहा है कि ग्राम कोनी कला से लगे जंगल में मादा भालू ने दो बच्चों को जन्म दिया है। संभवत इसी के चलते भालू ने दिलीप पर हमला किया है।
जानकारी के मुताबिक ग्राम कोनी कला में रहने वाले दिलीप चक्रवर्ती की गाय दो-तीन दिन से घर नहीं आई थी। उसे तलाश करने वह अपने छोटे भाई के साथ आज सुबह जंगल तरफ गया था। घने जंगल के बीच गाय को तलाश करते-करते जब वह बकरियों के लिए पेड़ से पत्ती तोड़ रहा था, उसी दौरान मादा भालू ने उस पर हमला कर दिया। दिलीप पर हुए हमले के बाद उसके भाई मिठाई लाल ने उसे बचाने का प्रयास किया। भालू खूखार हो गया था और वह भी भाग खड़ा हुआ।
जैसे-तैसे दिलीप भालू की गिरफ्त से छूट कर भागा। इस बीच मिठाई लाल ने गांव के लोगों को सारी घटना बताई, जिसके बाद मौके पर पहुंचे ग्रामीण इलाज के लिए उसे अस्पताल ले आए।
दिलीप के पिता दुर्गा प्रसाद चक्रवर्ती ने बताया कि घर की गाय दो-तीन से नहीं आ रही थी, बछड़ा घर पर बंधा हुआ था। गाय को तलाश करते हुए दोनों भाई घने जंगल तरफ चले गए, इस बीच रीछ ने उन पर हमला कर दिया। दुर्गा प्रसाद ने बताया कि चार दो रीछ बड़े थे, जबकि दो बच्चा थे। बच्चे को बचाने के लिए लिए ही हमला किया गया है।
फिलहाल दिलीप की हालत खतरे से बाहर है। डॉक्टर ने पैरों में टांके लगाने के बाद उसे भर्ती कर लिया है। इधर घटना के बाद ग्रामीणों ने डर का माहौल बना हुआ है।
यह जानकारी जब ग्रामीणों ने वन विभाग को दी तो जिला मुख्यालय से एक टीम रवाना की गई है। हालांकि वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि घने जंगल में भालू का डेरा हमेशा से रहता है। इसलिए ग्रामीणों को देखकर ही उस तरफ जाना चाहिए।
वन विभाग ने कोनी कला और आसपास के गांव में अलर्ट जारी करते हुए अपील की है कि घने जंगल तरफ ना जाए।