
जबलपुर में 2 दिसंबर से धान उपार्जन का काम शुरू हो चुका है। जिले में करीब 86 केंद्र बनाए गए हैं, जिसमें की 5 हजार मैट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है। हालांकि इस बार धान का रकबा जरूर काम हुआ है, जिसके चलते खरीदी भी कम होने की उम्मीद है।
इधर धान उपार्जन को लेकर कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना ने कर्मचारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा है, किसी भी तरह से धान उपार्जन के कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
धान उपार्जन में लगे कर्मचारियों ने अब बहाना बनाकर ड्यूटी से बचने की कोशिश शुरू कर दी है। कई कर्मचारियों ने अपने आप को बीमार बताते हुए ड्यूटी करने से मना कर दिया है, जिस पर कलेक्टर ने कहा है कि जो भी बीमारी का हवाला दे रहे हैं, पहले उनका मेडिकल बोर्ड से जांच करवाई जाए। अगर वह झूठ बोल रहे हैं तो उनके खिलाफ फिर कानूनी कार्रवाई भी की जाए।
कलेक्टर ने यह भी कहा है कि जो वेयर हाउस संचालक सहयोग नहीं कर रहे हैं उनके वेयर हाउस को लाइसेंस निरस्त किया जाएं। सरकार से जो सब्सिडी लेकर वेयर हाउस बनाए गए हैं, वह सब्सिडी भी वापस ली जाए। कलेक्टर ने धान खरीदी कर रहे मार्फेड के अधिकारियों और वेयर हाउसिंग कॉर्पोरेशन के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि उपार्जन केंद्र में बारदाना, तौल कांटा, छनना ,पंखा एवं कर्मचारियों के लिए छाया व पानी की व्यवस्था तत्काल की जाए।
जानकारी के मुताबिक पनागर क्षेत्र के सांगोद, कुशीनगर, छतरपुर और पनागर में समिति प्रबंधकों द्वारा लापरवाही करने पर कलेक्टर ने उनके विरुद्ध एफआईआर दर्ज करवाने के निर्देश भी दिए हैं। कलेक्टर ने कहा कि जल्द ही विजिलेंस टीम गठित की जाएगी। सभी अधिकारी फील्ड पर जाएंगे और शाम को चेक लिस्ट की रिपोर्ट भी देंगे। उन्होंने कहा कि धान उपार्जन का काम पारदर्शी व सुचारु रूप से चलेगी इसके लिए सभी संबंधित अधिकारियों को सक्रियता से कार्य करने की जरूरत है और इसमें लापरवाही बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
2 दिसंबर से जबलपुर जिले में धान खरीदी का काम शुरू कर दिया गया है। लेकिन सिहोरा और मझौली में अभी तक धान की खरीदी नहीं हो पाई है। बता दें कि यहां पर 30 केंद्र में हजारों किसानों ने अपना पंजीयन करवाया है। धान खरीदी ना होने को लेकर कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी का कहना है कि सिहोरा में 17 और मझौली में 13 केंद्र धान खरीदी के लिए बनाए गए हैं। सभी औपचारिकता पूर्ण कर ली गई हैं। आज से खरीदी शुरू कर दी जाएगी।