
उज्जैन और जबलपुर में बनने वाले टोस्ट (रस्क) को लेकर कटनी के व्यापारी ने बड़ा आरोप लगाते हुए उसमें पशु चर्बी और सक्रीम जैसे हानिकारक चीजें मिलाने का आरोप लगाया है। शिकायतकर्ता के आवेदन पर जिला स्वास्थ्य सुरक्षा अधिकारी ने जांच करने की बात कही है।
यूं तो पूरे प्रदेश में शुद्धता के प्रति बीजेपी सरकार ने जंग छेड़ रखी है। बावजूद इसके लोगों के स्वास्थ्य और धार्मिक भावना खिलवाड़ जारी है। ऐसे ही एक मामले की शिकायत मध्यप्रदेश के कटनी जिले से समाने आई है, जहां समाजसेवी विंदेश्वरी पटेल ने उज्जैन और जबलपुर की कुछ कंपनियों के ऊपर बड़े आरोप लगाते हुए कहा कि लाभ के चक्कर में चाय के साथ खाने वाले टोस्ट में हानिकारक सक्रिम और चर्बी का इस्तेमाल किया जा रहा है जो न सिर्फ मानव जीवन के लिए नुकसानदेय और धार्मिक भावना से खिलवाड़ है।
बिंदेश्वरी पटेल ने बताया कि उन्होंने हाल ही में टोस्ट बनाने का प्लांट लगाया है, जिसमें 90 रुपए प्रति किलो का खर्च होता है, जबकि बाहरी कंपनी 65 रुपए में कटनी तक पहुंचा रही है। इसकी जांच करवाने में चर्बी और सक्रीम मिलाना पाया गया है। इसलिए मेरे द्वारा एक व्यापारी और समाजसेवी होने के नाते इसकी जांच करवाने की शिकायत सौंपी है, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।
वहीं स्वास्थ्य सुरक्षा अधिकारी देवकी सोनवानी ने बताया कि उज्जैन और जबलपुर से आने वाले 3 से 4 कंपनियों के टोस्ट को लेकर शिकायत मिली है। शिकायतकर्ता ने बताया कि मिलावटी तरीके से टोस्ट बनाकर कटनी में बेचा जा रहा है, उसमें हानिकारक सक्रीम, चर्बी मिलाने का आरोप लगाया गया है। जिसके सैंपल बाजार से लेकर प्रयोगशाला भेजी जाएगी यदि शिकायत सही पाई जाती है तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।