
बीना रेलवे ने महिलाओं और दिव्यांगों के लिए लंबी दूरी की ट्रेनों में अलग से कोच की व्यवस्था की है। लेकिन बीना रेलवे जंक्शन से निकलने वाली कई ट्रेनों में महिलाओं के बजाय पुरुष यात्रा करते दिखाई देते हैं। इन पर न तो ट्रेन में चल रहा रनिंग स्टाफ कोई कार्रवाई करता है और न ही आरपीएफ कोई कार्रवाई करती है।
लंबी दूरी की ट्रेनों में दिखता है यह नजारा
बीना रेलवे जंक्शन पर आने-जाने वाली कई ट्रेनों में महिला और दिव्यांगों के कोचों की स्थिति काफी खराब है। महिला कोच में कई बार महिलाओं के साथ पुरुष भी कोच में सवार हो जाते हैं। यही नजारा निशक्तजन के लिए लगाए गए कोच में देखने को मिलता है। यहां भी कई लोग दिव्यांग न होने के बाद भी कोच में सवार हो जाते हैं।
दैनिक भास्कर डिजिटल की टीम ने स्टेशन से निकलने वाली झेलम एक्सप्रेस, पंजाब मेल एक्सप्रेस के महिला और दिव्यांगों के कोच में जाकर देखा तो इन कोचों में सामान्य पुरुष यात्री सवार थे। इंजन के पीछे लगे निशक्तजन के डिब्बे में सामान्यजन बिना किसी रोकटोक के सफर कर रहे थे। स्टेशन पर घूमने वाले आरपीएफ के जवान और रेलवे के अधिकारी कार्रवाई करना तो दूर, रोक-टोक भी नहीं करते हैं।
यह है कार्रवाई का प्रावधान
महिलाओं और दिव्यांगों के लिए आरक्षित कोच में यात्रा करने वालों के खिलाफ भले ही रेलवे ने सख्त नियम बनाया हो। लेकिन इन नियमों का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है। जहां महिला कोच में यात्रा करते पकड़े जाने पर रेलवे अधिनियम 162 और दिव्यांग कोच में यात्रा करने पर रेलवे एक्ट की धारा 155 के तहत कार्रवाई की जाती है। इसमें 500 रुपए जुर्माना और एक माह की सजा का प्रावधान है। इसके अलावा कोर्ट दोनों सजा से दंडित कर सकता है।
जांच कर कार्रवाई की जाएगी
भोपाल रेल मंडल के जनसंपर्क अधिकारी नवल अग्रवाल ने बताया कि इस मामले की जांच कराई जाएगी और कार्रवाई भी की जाएगी।