
रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कुलगुरु के खिलाफ सोमवार को एक बार फिर भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। सोमवार को विश्वविद्यालय पहुंचे छात्रों ने पहले तो रानी दुर्गावती की प्रतिमा का नर्मदा, गंगाजल और दूध से शुद्धिकरण किया। फिर जबरन कुलगुरु के केबिन में घुसने की कोशिश की, जिन्हें गेट लगाकर रोका गया।
आरोप है कि कुलगुरु डॉ. राजेश कुमार वर्मा कुलगुरु के लायक नहीं है। इसके बाद भी वह कुर्सी पर बैठे हुए हैं। जब तक राज्य सरकार अयोग्य कुलगुरु को नहीं हटाती है, तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।
रानी दुर्गावती की प्रतिमा का शुद्धिकरण
सोमवार की दोपहर को एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष सचिन रजक के साथ कार्यकर्ता सबसे पहले विश्वविद्यालय के गार्डन में पहुंचे, जहां रानी दुर्गावती की प्रतिमा है। यहां पर कार्यकर्ताओं ने गंगा,नर्मदा जल और दूध से प्रतिमा का शुद्धिकरण किया, फूल बरसाए।
इसके बाद कार्यकर्ता कुलगुरु के केबिन में जाने के लिए आगे बढ़े, जिन्हें गेट बंद कर रोक दिया गया। करीब 20 मिनट तक गेट में प्रदर्शन करने के बाद एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने गेट पर ही गंगाजल, नर्मदाजल से शुद्धिकरण की कार्रवाई की।
एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष सचिन रजक-
कुलगुरु डॉ. राजेश कुमार वर्मा की फर्जी डिग्री है, इसके बाद भी सरकार के रहमाे-करम से वे रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर की कुर्सी पर बैठे हुए हैं।
महिला टीचर ने लगाए कुलगुरु पर आरोप
एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष सचिन रजक का कहना है कि आरडीवीवी के कुलगुरु की मौजूदगी में जिस तरह से भ्रष्टाचार, रिजल्ट में गिरावट हो रही थी। अब तो विश्वविद्यालय की एक महिला टीचर ने उन पर अभद्र व्यवहार और गलत इशारा करने का आरोप लगाया है।
सचिन रजक ने बताया-
महिला ने मौके पर मौजूद लगे सीसीटीवी कैमरे से जांच कराने की सरकार से मांग की थी, पर उस और कोई ध्यान नहीं दिया गया। जिससे समझ में आता है कि कुलगुरु राजेश कुमार वर्मा को संरक्षण प्राप्त है।
विधानसभा में उठा कुलगुरु की नियुक्ति का मामला
कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने विधानसभा में कुलगुरू राजेश कुमार वर्मा की नियुक्ति को लेकर प्रश्न उठाया। उन्होंने पूछा कि क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि डॉ. राजेश कुमार वर्मा, प्राध्यापक वाणिज्य (वर्तमान में कुलपति, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर) की उच्च शिक्षा विभाग में प्राध्यापक के पद पर प्रथम नियुक्ति के समय प्रस्तुत योग्यता संबंधी अभिलेख, जाति, आय, अनुभव प्रमाण पत्र इत्यादि सभी अभिलेख बताए। उन्होंने पूछा कि राजेश कुमार वर्मा, प्राध्यापक की नियुक्ति के संबंध में कोई शिकायत इत्यादि विभाग को प्राप्त हुई हो तो उसकी प्रति एवं उसमें की गई कार्यवाही के अभिलेख बताए।
उच्च शिक्षा मंत्री ने दिया ये जवाब
कांग्रेस विधायक के प्रश्न में उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने जवाब देते हुए कहा कि डॉ. राजेश कुमार वर्मा, प्राध्यापक, वाणिज्य (वर्तमान में कुलपति, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर) की नियुक्ति के समय प्रस्तुत अभिलेखों में से शैक्षणिक योग्यता, जाति, अनुभव प्रमाण-पत्र, अनुप्रमाणन फॉर्म एवं शपथ पत्र की जानकारी पुस्तकालय में रखे परिशिष्ट अनुसार है। डॉ. वर्मा की प्रथम नियुक्ति से संबंधित संधारित नस्ती में आय प्रमाण-पत्र अप्राप्त है। विभाग स्तर पर डॉ. राजेश कुमार वर्मा के विरूद्ध कोई शिकायत प्रचलित नहीं है।
प्रदर्शन के दौरान पुलिस रही मौजूद
दोपहर के एनएसयूआई ने कुलगुरु के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया और उनसे इस्तीफे की मांग की। इस दौरान पुलिस बल भी मौजूद रही। सिविल लाइन थाने में पदस्थ एसआई सुमित मिश्रा ने बताया कि करीब 15 से 20 मिनट तक एनएसयूआई ने प्रदर्शन किया जो कि शांतिपूर्ण ढंग से रहा। हालांकि एनएसयूआई के कुछ कार्यकर्ता जबरन कुलगुरु के केबिन में जाने की कोशिश कर रहे थे, जिन्हें कि गेट बंद करते हुए रोका गया।

