
नीतीश कुमार की अगुआई में बनी नई एनडीए सरकार को महागठबंधन हर तरह से तोड़ने की कोशिश में जुटा है। दिलचस्प यह है कि महागठबंधन की रणनीति की भनक एनडीए को भी है। वह बचाव की तैयारी में है। यही कारण है कि शपथ लेने के दिन ही तय होने वाली विश्वास मत की तिथि को लेकर दुविधा बनी हुई है। इसके कारण मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो रहा है।
HIGHLIGHTS
- महागठबंधन की रणनीति की भनक एनडीए को भी
- बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Political News in Hindi महागठबंधन के रणनीतिकार अब इस प्रयास में जुट गए हैं कि नीतीश (Nitish Kumar) की अगुआई में बनी नई सरकार से विश्वास प्रस्ताव पर मतदान के समय ही दो-दो हाथ हो जाए। सरकार को विश्वास मत हासिल करने से रोका जाए। ऐसा होने पर राजद के नेतृत्व में सरकार के गठन का रास्ता साफ होगा।
यह सब एनडीए (NDA) विधायक दल के दर्जन भर विधायकों के पाला बदल से संभव हो पाएगा। दिलचस्प यह है कि महागठबंधन की रणनीति की भनक एनडीए को भी है। वह बचाव की तैयारी में है।
यही कारण है कि शपथ लेने के दिन ही तय होने वाली विश्वास मत की तिथि को लेकर दुविधा बनी हुई है। इसके कारण मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो रहा है।
लोकसभा चुनाव में भाग्य आजमाना चाहते हैं विधायक
संघर्ष की स्थिति लोकसभा चुनाव के कारण बनी हुई है। दोनों गठबंधनों के डेढ़ दर्जन से अधिक विधायक लोकसभा चुनाव में भाग्य आजमाना चाहते हैं। ऐसे विधायकों को यह प्रस्ताव दिया जा रहा है कि वह विधानसभा की एक हाथ से विधानसभा की सदस्यता छोड़ें, दूसरे हाथ से लोस चुनाव का टिकट पकड़ लें।
इससे विधानसभा की सदस्य संख्या कम हो जाएगी। विश्वास मत हासिल करने या उसे गिराने में क्रमश: एनडीए और महागठबंधन को सुविधा होगी।
गौरतलब है कि सारण जिला राष्ट्रीय जनता दल ने भाजपा की अगुवाई में बनी बिहार की डबल इंजन सरकार के मुखिया नीतीश कुमार से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग की है।
जिला राजद प्रवक्ता हरे लाल यादव ने बयान जारी कर कहा कि अब तो सीएम नीतीश कुमार डबल इंजन सरकार के ड्राइविंग सीट पर बैठ गए हैं उन्हें आगामी लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कह कर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिला देना चाहिए।