
जबलपुर में जनसुनवाई के दौरान पुलिस के सामने एक अजीब केस आया। जबलपुर के गढ़ा बाजार में रहने वाली सुधा कोस्टा नाम की 63 वर्षीय महिला मंगलवार को एसपी की जनसुनवाई में पहुंची।
उसने एएसपी से कहा कि मुझे नौकरी की बहुत जरूरत है। पुलिस विभाग में जॉब करनी है। महिला का आवेदन पढ़ते ही एएसपी सूर्यकांत शर्मा और प्रदीप शेंडे सोचने लगे कि महिला को क्या जवाब दिया जाए। एएसपी ने समझाया कि पुलिस में नौकरी उम्र के हिसाब से दी जाती है। भोपाल से नियुक्ति होती है। लेकिन महिला सुनने को तैयार ही नहीं थी।
समाजशास्त्र में एमए हूं-नौकरी दिलवा दो
महिला ने अपने आवेदन में लिखा…सर नम्र निवेदन है कि मेरी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। मुझे एक प्राइवेट नौकरी चाहिए, धन्यवाद, प्रार्थी। एएसपी ने आवेदन पढ़कर महिला से कहा कि यहां पर शिकायत और समस्या का निराकरण होता है, ना कि नौकरी लगाई जाती है। इस पर महिला ने बताया कि वह सागर की रहने वाली है। समाजशास्त्र से एमए किया है। इसके साथ ही योगा टीचर भी हूं। महिला ने एएसपी को बताया कि वह अपने पति से परेशान है, इसलिए नौकरी करना चाहती है।
नौकरी की उम्र नहीं होती सर-मजबूरी होती है
एएसपी से बात करते-करते सुधा की आंखें भर आई। उन्होंने बताया कि नौकरी की कोई उम्र नहीं होती है, मजबूरी होती है। महिला का कहना था कि जब उम्र थी, उस समय घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं मिलती थी। परिवार में पति और जवान बेटा भी है, इसके बाद भी कुछ ऐसी स्थिति बन गई है कि नौकरी की जरूरत आन पड़ी है। सुधा ने बताया कि उसका मायका दमोह में है। सागर विश्वविद्यालय से एमए तक की पढ़ाई की है। महिला को एएसपी ने समझाया पर वह एक ही जिद में अड़ी रही कि नौकरी लगवा दो। एएसपी ने पुलिस लाइन में तैनात रक्षित निरीक्षक (आरआई) से बात की और महिला की मदद करने के निर्देश दिए।
एएसपी सूर्यकांत शर्मा ने बताया कि-
गढ़ा बाजार निवासी 63 वर्षीय महिला का अजीबोगरीब आवेदन आया है। महिला बोल रही थी कि उसकी ख्वाहिश थी कि वह एसपी बने पर किसी कारणवश उसका सपना पूरा नहीं हो पाया। एएसपी ने कहा कि मानवता के आधार पर महिला की मदद करने के लिए आरआई को कहा गया है।
