
गणतंत्र दिवस के मौके पर सागर सेंट्रल जेल से 18 बंदियों को रिहा किया गया है। इनमें 16 पुरुष और 2 महिला बंदी शामिल हैं। सभी बंदियों को उनके अच्छे आचरण के कारण चुना गया। जेल से बाहर निकलते ही कैदियों की आंखें अपने परिजनों को देखकर नम हो गईं।
दरअसल, सागर केंद्रीय जेल में हत्या समेत अन्य मामलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 18 बंदियों को गणतंत्र दिवस पर रिहा करने का आदेश शासन से जारी हुआ था। बंदियों को उनके उत्कृष्ट आचरण और अच्छे व्यवहार के चलते रिहा करने का निर्णय लिया गया। जिसके बाद उन्हें गणतंत्र दिवस के दिन जेल से रिहा किया गया। इस दौरान बंदियों के परिवार वाले उन्हें लेने के लिए पहुंचे। जैसे ही अपने जेल से बाहर आए तो उनकी आंखें नम हो गईं।
फूलमाला पहनाकर स्वागत किया गया। वहीं जेल प्रबंधन ने रिहा होने वाले बंदियों को उनके स्वास्थ्य संबंधी दवाएं दी। साथ ही मिठाई भी भेंट की गई। बंदियों से कहा गया कि अब वह कभी जीवन में इस तरह की गलती नहीं करें कि दोबारा उन्हें जेल आना पड़े।
उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति द्वारा किया गया अपराध पूरे परिवार को बर्बाद कर देता है। उन्होंने भविष्य में अपराध न करने का संकल्प लिया और समाज की मुख्यधारा में शामिल होकर सम्मानजनक जीवन जीने का वादा किया।
रिहा बंदियों में दो 2 महिलाएं शामिल
जेल अधीक्षक मानेंद्र सिंह परिहार ने बताया कि सागर केंद्रीय जेल से 18 बंदियों को रिहा किया गया है। जिसमें 17 बंदी सागर से रिहा हुए हैं। वहीं एक बंदी भोपाल जेल में इलाज के लिए भर्ती था, उसे भोपाल से ही रिहा किया गया है। रिहा हुए बंदियों में दो बंदी खुली जेल के भी शामिल हैं। साथ ही इनमें दो महिला बंदी भी रिहा की गई हैं। सभी को जेल से बाहर जाकर परिवार के साथ अच्छा जीवन जीने की सलाह दी गई है।