
देश में कुछ ही महीने बाद लोकसभा चुनाव होने जा रहे हैं। मोदी सरकार के खिलाफ बने विपक्षी दलों के इंडी गठबंधन में अभी सीट बंटवारे पर चर्चा पूरी नहीं हो सकी है। बिहार के सीएम नीतीश कुमार के पाला बदलने के बाद कांग्रेस को झटका लगा है। फिलहाल दिल्ली में कांग्रेस और AAP के बीच सीट बंटवारे का फॉर्मूला सेट नजर आ रहा है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में होने वाले आगामी लोकसभा चुनाव में इंडी गठबंधन के भविष्य पर सवाल उठना शुरू हो गए हैं। बिहार के सीएम नीतीश कुमार के एनडीए में शामिल होने के बाद इंडी गठबंधन में शामिल दलों के बीच सीट बंटवारे पर चर्चा अब तेज हो गई है। दिल्ली, यूपी के अलावा पश्चिम बंगाल में कांग्रेस सीट बंटवारे को अंतिम रूप देने में जुटी है।
इसी मुद्दे पर दिल्ली में आज शाम कांग्रेस संसदीय रणनीति समूह की बैठक होने जा रही है। ये बैठक कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में होगी। आपको बताते हैं कि इन राज्यों में इंडी गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर क्या स्थिति है।
यूपी में कितनी सीटों पर लड़ेगी कांग्रेस?
यूपी में इंडी गठबंधन में शामिल दलों में से कौन कितनी सीटों पर लड़ेगा अभी ये तय नहीं हुआ है। हाल ही में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कांग्रेस के साथ 11 सीटों पर सहमति की घोषणा की थी। हालांकि, कांग्रेस इससे संतुष्ट नजर नहीं आ रही है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे का कहना है कि गठबंधन को सफल बनाने के लिए कांग्रेस अपना 100 प्रतिशत दे रही है, लेकिन अगर कोई छिपा हुआ एजेंडा नजर आता है और सपा उस दिशा में काम कर रही है तो राष्ट्रीय पार्टी होने के नाते कांग्रेस ऐसा नहीं होने देगी
वहीं, समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि उत्तर प्रदेश में सीट बंटवारे पर अंतिम फैसला कांग्रेस और सपा दोनों के शीर्ष नेतृत्व की बातचीत के बाद लिया जाएगा। अब तक यूपी में कांग्रेस के लिए 13 सीटें चिन्हित की जा चुकी हैं।
दिल्ली में 4-3 का फॉर्मूला तय!
आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की राहें पंजाब में जुदा नजर आ रही हैं। हालांकि, देश की राजधानी दिल्ली में दोनों दलों के बीच बात बनती दिख रही है। कांग्रेस सूत्रों की मानें तो दिल्ली में लोकसभा चुनाव के लिए 4-3 का फॉर्मूला तय है। इसके तहत, AAP 4, जबकि कांग्रेस तीन सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
बंगाल में रुकी बात
पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और टीएमसी के बीच सीट बंटवारे पर बात रुकी हुई है। सूत्रों के मुताबिक, टीएमसी और कांग्रेस प्रस्तावों पर विचार कर रही हैं। टीएमसी अभी भी आईएनडीआईए गठबंधन का ही हिस्सा है।