
रीवा में शासकीय विभागों के बीच आंकड़ों को लेकर टकराव शुरू हो गया है। सहकारिता विभाग ने कलेक्टर प्रतिभा पाल और नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा प्रस्तुत धान खरीदी और बारिश में भींगी धान के आंकड़ों को गलत बताया।
कलेक्टर प्रतिभा पाल के अनुसार, बारिश में 4000 मीट्रिक टन धान भीग गई थी, साथ ही नागरिक आपूर्ति निगम के डीएम पीयूष माली का कहना है कि 12,000 क्विंटल अमानक धान की खरीदी की गई है।
वहीं, सहकारिता विभाग के महाप्रबंधक ज्ञानेंद्र पांडे ने इन आंकड़ों पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें केवल 1250 क्विंटल अमानक धान की लिखित जानकारी दी गई है। वहीं कलेक्टर के द्वारा बारिश में 4000 मीट्रिक टन धान भींगने के आंकड़ों पर उनका कहना है कि धान नहीं भींगी है।
आपूर्ति निगम और सहकारिता विभाग आमने-सामने
इसके अलावा, सेमरिया में बिना किसी भौतिक सत्यापन के 5800 क्विंटल धान पोर्टल पर दर्ज किए जाने का मामला भी सामने आया है। इन अनियमितताओं के बाद नागरिक आपूर्ति निगम और सहकारिता विभाग आमने-सामने हैं और एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं।
बहरहाल यह तो तो स्पष्ट है कि धान खरीदी और उसके भंडारण को लेकर बड़ी लापरवाही बरती गई है। जिसकी जिम्मेदारी लेने के लिए कोई तैयार नहीं है। सब एक-दूसरे को जिम्मेदार बताने पर तुले हुए हैं।
कलेक्टर प्रतिभा पाल ने पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं और संबंधित अधिकारियों से सही आंकड़े मांगे गए हैं। अब यह जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि धान खरीदी में हुई लापरवाही के लिए कौन जिम्मेदार है।