
दमोह जिले में सैकड़ों की संख्या में मगरमच्छ हैं, जिनमें सबसे ज्यादा ब्यारमा नदी में पाए जाते हैं। इसके अलावा, अन्य नदियों में भी इनकी संख्या अधिक है। इसी कारण, अक्सर ये मगरमच्छ नदी-तालाबों से लगे आबादी क्षेत्र और खेतों में दिखाई देते हैं।
दमोह जिले के सिग्रामपुर के भोजपुरहार में मंगलवार सुबह खेत में मगरमच्छ देख किसानों में हड़कंप मच गया। जिसके बाद किसानों ने तत्काल वन विभाग को सूचना दी।
दरअसल, यह इलाका रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व से घिरा हुआ है। निदान बीट के खेतों में दिखे मगरमच्छ की सूचना किसानों द्वारा वन विभाग को दी गई। मौके पर पहुंची रेस्क्यू टीम ने बड़ी मशक्कत के बाद मगरमच्छ को रस्सियों से बांधकर काबू में किया और फिर उसे सिंगौरगढ़ जलाशय में सुरक्षित छोड़ दिया गया।
डिप्टी रेंजर लाइक खान ने बताया कि दो-तीन दिन से खबर मिल रही थी कि गांव के आसपास खेतीहर भूमि में मगरमच्छ घूम रहा है, वह खेतों में छिपा बैठा है। सुबह जैसे ही किसानों को मगरमच्छ दिखा, हड़कंप मच गया। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचकर मगरमच्छ का सुरक्षित रेस्क्यू कर उसे सिंगौरगढ़ जलाशय में छोड़ा गया। गनीमत रही कि खेतों में छिपे मगरमच्छ को वहां काम कर रहे ग्रामीणों ने देख लिया और समय रहते वन विभाग को सूचना दी, जिससे उसका सुरक्षित रेस्क्यू किया जा सका।
पिछले साल नोहटा थाना क्षेत्र अंतर्गत आठ साल के बच्चे को एक मगरमच्छ अपने जबड़े में दबाकर ले गया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी। इसके अलावा, कई ग्रामीणों पर भी मगरमच्छों द्वारा हमला किए जाने की घटनाएं सामने आई हैं।