
दिल्ली में एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी सरकार बनाती दिख रही है। कांग्रेस की स्थिति यहां भी कमजोर बनी हुई है। राज्यसभा सांसद विवेक तंखा ने भी स्वीकार किया कि दिल्ली अब भाजपा की हो गई है। हालांकि, चुनावी नतीजों पर अंतिम टिप्पणी देने को लेकर उन्होंने कहा कि अभी यह जल्दबाजी होगी।
दिल्ली चुनाव पर विवेक तंखा की प्रतिक्रिया
जबलपुर में मीडिया से बातचीत के दौरान विवेक तंखा ने कहा कि दिल्ली में त्रिकोणीय मुकाबला था। किसका कितना वोट शेयर रहा है, यह अंतिम परिणाम के बाद ही स्पष्ट होगा। उन्होंने कहा कि जनता ही तय करती है कि किसे चुनना है और किसे नहीं।
राज्यसभा सांसद ने चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि दिल्ली चुनाव को लेकर कई प्रश्न खड़े हुए हैं। चुनाव आयोग की भूमिका पर भी सवाल उठे, क्योंकि आयोग ने केवल मतदान प्रतिशत जारी किया, लेकिन विस्तृत आंकड़े नहीं दिए। इसे लेकर राजनीतिक दलों में नाराजगी रही, लेकिन अब देखना होगा कि आगे क्या होता है।
छत्तीसगढ़ निकाय चुनाव पर बोले— “कांग्रेस की स्थिति मजबूत”
छत्तीसगढ़ में होने वाले निकाय चुनाव को लेकर तंखा ने कहा कि कांग्रेस की स्थिति वहां मजबूत है। 2018 में जब स्थानीय निकाय चुनाव हुए थे, तब हाईकोर्ट ने उन पर रोक लगा दी थी। इसके बाद भूपेश बघेल और टी.एस. सिंहदेव ने दिल्ली आकर मुझसे मुलाकात की थी, जिसके बाद हमने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के स्टे को खारिज कर दिया, जिसके बाद चुनाव हुए और कांग्रेस ने प्रचंड बहुमत से जीत दर्ज की। अब ऐसा लग रहा है कि छत्तीसगढ़ में फिर से वही इतिहास दोहराया जा सकता है।
इन्वेस्टर मीट को लेकर सरकार पर निशाना
इन्वेस्टर मीट पर प्रतिक्रिया देते हुए विवेक तंखा ने कहा कि वे इसके विरोधी नहीं हैं, बल्कि चाहते हैं कि मध्यप्रदेश का विकास हो। उन्होंने कहा, “जो भी काम करें, उसे गंभीरता से लें, न कि सिर्फ एक इवेंट बनाकर छोड़ दें। इन्वेस्टर मीट के नाम पर केवल शो बाजी, भाषण और प्रस्तुतियां होती हैं।”
उन्होंने भाजपा सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा, “महाकौशल में भी इन्वेस्टर मीट हुई थी, लेकिन बताइए, कितने हजार करोड़ के एमओयू साइन हुए और कितना निवेश वास्तव में आया?”
तंखा ने सुझाव दिया कि सरकार को इन्वेस्टर मीट को केवल प्रचार का जरिया बनाने के बजाय गंभीर प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा, ‘इन्वेस्टर्स को बुलाकर उनके साथ व्यक्तिगत चर्चा कीजिए, सिंगल विंडो सिस्टम बनाइए और निवेश सुनिश्चित कीजिए। केवल इवेंट आयोजित करने से विकास नहीं होगा। पिछले 20 साल का रिकॉर्ड उठा कर देख लीजिए।’